बाबा कहते हैं…वो भक्त बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिनकी हर गति विधि पर मालिक स्वयं ही नजर रखते हैं
वो भक्त बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिनकी हर गति विधि पर मालिक स्वयं ही नजर रखते हैं और किसी ना किसी के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया (प्रसन्नता या नाराजगी) बताते रहते हैं ।
यूं तो सभी मालिक के ही बंदे हैं जो मालिक को प्रसन्न करने के लिए अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य अनुसार उनकी भक्ति और सेवा किया करते हैं और दिन रात उनकी पूजा भी किया करते हैं किंतु मालिक जिनको याद करें और उसकी गलतियों के लिए उसे सतर्क करें/शिकायत करें/ उससे रूठें भी और प्रसन्न भी हों/उसके साथ लीलाएं भी दिखाएं या करें, किसी की भी, किसी समस्या के निदान के लिए कोई परामर्श अथवा उपाय भी बताएं !
कोई माने या ना माने, निःसंदेह वो मालिक के बहुत ही खास होते हैं। जिनकी भक्ति एकनिष्ठ तथा बिना स्वार्थ के होती है । जो दूसरों के दुःख से सदैव दुखी होते हैं और उनके दुःख को दूर करने के लिए सदैव ही मालिक से प्रार्थना किया करते हैं । जो मालिक से सदैव उनकी भक्ति और उनकी सेवा ही चाहते हैं, ऐसे भक्त मालिक को अत्यंत प्रिय होते हैं ।
सदा ही जपते रहिए "ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ।।"
श्री साईं सबका सदा ही कल्याण करें।।