नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : गंगोत्री यात्रा, दूध की गंगा व रेत का नगों में बदल जाना
बाबा अपने भक्तों के साथ एक बार गंगोत्री की और जा रहे थे ।मार्ग में एक स्थान मे भागीरथी के पास बाबा बैठ गये और हब्बा जी से बोले, "सतयुग में ये दूध की गंगा थी ।" हब्बा जी बोले " सरकार अब भी है "। महाराज जी ने पलट के कौतुहल से पूछा "तुझे दूध की दिखाई दे रही है ?"
सरकार । आप के पास से दूध की दिखाई दे रही है, हब्बा जी ने उत्तर दिया। बाबा ने फ़ौरन उनसे एक लौटा जल और एक मुट्ठी रेत लाने को कहा । हब्बा जी एक लौटा जल और और एक मुट्ठी रेत ले आये । जब उन्होंने बाबा के पास आकर रेत से भरी मुट्ठी खोली तो समस्त रेत के कण नगों में बदल गये ।
महाराज जी ने उन नगों को सबने बाँट देने को कहा । पर हब्बा जी को से स्वीकार नहीं हुआ । उनकी दृष्टि में बाबा के आगे इन नगों का कोई मोल नहीं था और आपने सारे नग पानी मे बहा दिये ।
जय गुरूदेव
आलौकिक यथार्थ
-- पूजा वोहरा/नयी दिल्ली