नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : सब संत एक समान - मेरे गुरू कौन ?

नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : सब संत एक समान - मेरे गुरू कौन ?

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एक बार एक माई जो अपनी जवानी की अवस्था से माँ आन्नदमयी की भक्त थी । कुछ समय पश्चात् वे महाराजजी से मिली ।और वे महाराजजी से बहुत घुल मूल गयी और उनके काफ़ी निकट हो गयी । लेकिन वे अब बहुत परेशान थी कि कौन उसके गुरू है ?

वे कुछ समझ नहीं पा रहीं थी । रात को महाराज जी एक स्वप्न में उनके पास आये और एक मंत्र दिया । वे सोये हुए जागी और वो मन्त्र लिख लिया । बाबा उनसे बोले," ये मन्त्र माँ आन्नदमयी की तरफ़ से तुम्हारे लिये है । "वे कुछ दिनों पश्चात माँ आन्नदमयी के पास गयी और सब कुछ माँ को बताया, और माँ ने वे मंत्र को सही मंत्र बताया ।"

सेविका ये लीला देख कर हैरान रह गयी । और लीला धारी मेरे बाबा उसे दिखा गये कि सब संत एक सामान है । कोई भेद नही ।

जय गुरूदेव

मिरेकल आफ लव

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