नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: डरो मत शेर या बाघ भी अच्छी आत्माओं से मिलने आते हैं
एक दिन मैं किसी काम से रामपुर गया था, और जब मैं घास के मैदान से खेत में लौट रहा था, मैंने एक बाघ, एक बाघिन और एक शावक को देखा। मैं स्थिल खड़ा था। मेरे पास कोई हथियार नहीं था मेरी सुरक्षा के लिए । मैं भाग भी नहीं सकता था।
अचानक बाघ एक ओर और बाघिन दूसरी ओर मुड़ी, और उनका शावक मेरे शरीर को सूंघने लगा। मैं भयभीत था। इस बीच बाघिन मेरे पास आयी और शावक को अपने दांतों के बीच पकड़कर मुझसे दूर घसीट लिया उस समय बाबा इलाहाबाद में जमुना दत्त के घर ठहरे हुए थे।
मेरा एक दोस्त, जो पास के विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहता था वह बाबा के दर्शन करने गया था। बातचीत के दौरान बाबा ने उससे मेरे बारे में पूछा और तुरंत मुझे एक पत्र लिखकर कहा, "डरो मत शेर या बाघ भी अच्छी आत्माओं से मिलने आते हैं।" यह उनकी ही दैवीय शक्ति थी जिसने उस विकट परिस्थिति में मेरी रक्षा करी।
~ द डिवाइन रीयालिटी