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नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: ईसा को कभी ग़ुस्सा नहीं आया!
एक बार एक लड़के ने पूछा, " महाराज जी क्या ईसा को सचमुच क्रोध आया था ?" ये बात सुनते ही महाराज जी की आँखों में आँसू आ गये ।'वे अपनी कोहनी पर झुके और तीन बार वक्षस्थल थपथपाया । आँसू लगातार बहते रहे । थोड़ी देर वहाँ सन्नाटा छा गया । महाराज जी ने ईसा की सत्यता का बोध हर व्यक्ति को करा दिया।
वे बोले "ईसा को कभी ग़ुस्सा नहीं आया। जब उन्हें सूली पर चढ़ाया तो प्रेम की अनूभूति हूई ।उन्हे किसी चीज़ से मोह नहीं था। यहाँ तक कि उन्होंने अपना शरीर भी दे दिया" उस समय बाबा के पास बैठा हर कोई रोने लगा। फिर एका एक महाराजजी बैठ गये और कहने लगे ," बूद्ध ने कहा है कि आँख की पलक झपकने मात्र से ही आदमी का मन लाखों मील दूर जा सकता है।” महाराज जी सन्तों का बहूत आदर करते थे।