नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: अपनी बेटी की शादी की व्यवस्था करो!
1968 में राजिंदर आनंद अपनी मां के साथ बाबा के दर्शन के लिए कैंची गयीं। जैसे ही बाबा ने उसे देखा, उन्होंने उसकी माँ से कहा, "अपनी बेटी की शादी की व्यवस्था करो।" बाबा ने राजिंदर को दो रुपये दिए और जाने को कहा । वे आश्रम से निकले, हल्द्वानी के लिए बस में चढ़े और बैठ गए। जब कंडक्टर उन्हें टिकट देने आया तो उन्होंने पाया कि किराए के पैसे में से दो रुपये कम थे।
उन्होंने उस पैसे से टिकट लिया जो बाबा ने राजिंदर को दिया था। उन्होंने बहुत अनिच्छा से बाबा से पैसे स्वीकार किए थे, किन्तु उन्हें तब समझ में आया कि बाबा के दो रुपये देने का उद्देश्य उन्हें उस शर्मनाक स्थिति से बचाना था।आखिरकार राजिंदर की शादी की व्यवस्था शुरू हो गयी, जो अगले साल हुई।
उसकी शादी के बाद राजिंदर और उसका पति बाबा के दर्शन के लिए कैंची गए। बाबा ने अपनी तीन अंगुलियां उठाकर उससे कहा, "तीन पुत्र पैदा होंगे।", बाबा के आशीर्वाद से उसने तीन बच्चों को जन्म दिया—सभी लड़के थे ।
- द डिवाइन रियाल्टी