नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: गुरु से कैसे होती है मुलाक़ात, कैसे पहचाने गुरु को?
बाबा जी के भक्त रब्बू जोशी जी कहते है कि आपको अपने गुरू से मुलाक़ात कैसे होगी, कहाँ मिलेंगे आपको गुरू ? या आपको उनकी खोज करनी पड़ेगी य वे स्वंय आपके पास आते है ।अब इस बात को कैसे जाना जाया कि वे ही असली गुरू हा य आपको ठगा जा रहा है ।
इसका एक ही जाँचने का तरीक़ा है और वे है कि जब आप उनसे मिलते है तो आपको ऐसा महसूस होता है कि जैसे आप उन्हें अन्नंत काल से जानते है और आपके मन में इतनी तृप्ति होती है कि फिर आगे और तलाशने की ईच्छा ही नहीं रह जाती ।
पूरी बात का निचोड़ ये है कि आप के गुरू ने आपको चुन लिया। मन मे ईश्वरत्व के लिये जो भी अवधारणा होती है, वो आपको उनमें दिखाई देती है । जब आप और वो मुँह दर मुँह खड़े होते है और भावोद्रेक से भरा दिल आपके आँसुओं के माध्यम से बह निकलता है ।उनके सामने रोते हुए और जो आँसू उनके चरणों में पड़ते है वो एक तरह की आपकी मुक्ति की पुष्टि है ।