नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: नाई की व्यथा से द्रवित...तेरा लड़का आ जाएगा!
बाबा जी एक बार एक नाई की दुकान में दाढ़ी बनवाने गये। जब दाढ़ी घनी हो उठती तभी उसे बनवाते थे बाबा जी जिसमें साबुन का प्रयोग नहीं होता था । दाढ़ी बनाते बनाते नाई अपना दुखड़ा रोने लगा "मेरा एक ही लड़का है । वह भी घर से रूठ कर भाग गया है । बहुत खोज कराई पर उसका कोई अता पता नहीं चल पा रहा है। घर में बहुत उदासी है।" कहते कहते रुआँसा हो चला वह । किसी के आँसू तो महाप्रभु देख ही नहीं पाते थे।
नाई के दुःख से करुणानिधान भी द्रवित हो गये । बोले, “ आ जायेगा” । नाई बोला, “सभी लोग, साधु सन्त भी तो यही कहते रहते हैं पर अभी तक तो वह नहीं आया ।”नाई के ऐसा कहते ही बाबा जी ने लघु शंका निवृत्ति की अपनी इच्छा कही और सीने से कपड़ा हटा दुकान के बाहर हो गये । तब तक केवल एक तरफ की ही दाढ़ी बनी थी । फिर कुछ देर बाद पुनः आ गये। तथा बाकी दाढ़ी बनवा कर जाते जाते कह गये, “आ जायेगा ।”
दूसरे ही दिन लड़का घर आ गया !! नाई के पूछने पर कि “कहाँ थे ! कैसे आ गये ?” लड़के ने बताया कि, “कल सुबह जब मैं होटल में बर्तन धो रहा था तो साधू जैसा कोई आदमी, जिसकी आधी दाढ़ी बनी थी, मेरे पास आया और मुझसे कहा कि जल्दी घर जा, तेरी गाड़ी छूटने वाली है। तेरा बाप तुझको बहुत याद कर रहा है । मुझको टिकट के भी पैसे दिये। मैं फौरन चला आया ।”सुनकर नाई हतप्रभ रह गया ।
समझ गया कि ये ही बाबा नीब करौरी होंगे जिनके बारे में वह बहुत कुछ सुन चुका था । (क्या नाई पर इस करुणा-दया के साथ साथ बाबा जी ने साधु-सन्तों की वाणी के प्रति भी उसे पुनः आश्वस्त कर दिया !!)