नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: “आ गया डिप्टी कलेक्टर"

नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: “आ गया डिप्टी कलेक्टर"

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मंजुल कुमार जोशी, हेमदा का छोटा पुत्र, (तब सातवीं कक्षा में) “पी० सी० एस०, इलाहाबाद में दादा के फाटक में प्रवेश कर ही रहा था तभी बरामदे में बैठे महाराज जी उसकी ओर देखते दो बार बोल उठे - आई० सी० एस० ।” बाबा जी की इस बात को तब क्या समझा जा सकता था । पर वह तो बाबा जी का वाक्य था वर्ष १९८० में मंजुल कुमार ने पी० सी० एस० परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया !! आई० ए० एस० भी कालान्तर में वे हो ही जायेंगे । (बाबा जी ने जो कहा है ।)

इसी प्रकार श्री पूरनचन्द पाण्डे, (रिटायर्ड कमिश्नर) से नजरबाग, लखनऊ में उनके आने पर कह दिया बाबा जी ने, “आ गया डिप्टी कलेक्टर ।” तब केवल पाँच जगहें खाली थीं और पाण्डे जी का नम्बर सातवाँ था । शंका करने पर भी बाबा जी ने कहा था, “हमने कह दी ।" और यही हुआ । कालान्तर में पाण्डे जी आई० ए० एस० होकर कमिश्नर के पद से रिटायर हुए ।

इलाहाबाद में बाबा जी विराजमान थे । तभी एक लड़का, केसरवानी, लखनऊ से इलाहाबाद आया पी० सी० एस० की परीक्षा हेतु । आते ही बाबा जी के दर्शन करने आया तो बाबा जी बोल उठे, “आ गया एक्साइज इन्सपेक्टर ।” यही हुआ। दो-तीन प्रयासों के बाद भी केसरवानी जी पी० सी० एस० परीक्षा पास न कर सके और अन्त में एक्साइज इन्सपेक्टर ही बन पाये । (पर बाबा जी के आशीर्वाद स्वरूप शीघ्र ही तरक्की पाते रहे और असिस्टेन्ट एक्साइज कमिश्नर बने इलाहाबाद में रहे - १९६० ।)

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