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नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: महाराज जी का माँ के रूप में भक्त को दर्शन
कैंची आश्रम में एक माह से गायत्री यज्ञ चल रहा था। जिस समय पूजा पूरी होनी थी, मैंने देखा कि मनोहर पंत विष्णु कुटी के ऊपरी कक्ष में महाराज के चरणों में घुटने टेकते हुए, "माँ, माँ" कहते हुए, बहुत भावना से रो रहे थे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वह महाराज जी को माँ क्यों कह रहा है। पास जाकर देखा तो पंत की आंखों से आंसू बह रहे थे।
महाराज जी मूर्ति की तरह कंबल ओढ़े खड़े थे और आंसू भी बहा रहे थे। यह करीब दस मिनट तक चला। इसके बाद पंत कुछ पल के लिए बेहोश हो गए और बाबा के चरणों में गिर पड़े। बाद में उन्होंने मुझे बताया कि बाबा ने उन्हें दिव्य माता के दर्शन दिए थे।