Devotion
मैंने वहां महाराजजी की छाती के अंदर राम और सीता को देखा…
रामायण के पाठ में लीन बाबा हनुमानगढ़ में बैठे थे।कई महिला भक्त भी मनमोहक पाठ में लीन, आंखें बंद करके बैठी थीं।पांच साल की एक बच्ची बाबा के सामने बैठी थी,बिना पलक झपकाए उन्हें देख वह लड़की वेदना से रो पड़ी।सबने उसकी तरफ देखा। बाबा ने फौरन उसे उठाया, अपनी गोद में बिठाया और उसे शांत किया।
बाद में, जब महिलाएं घर जा रही थीं, तो उन्होंने उससे पूछा कि वह इतनी जोर से क्यों रोई थी। उसने कहा, "मैं नहीं कह सकती ! मैंने वहां महाराजजी की छाती के अंदर राम और सीता को देखा।इसके बाद उन्होंने सीता जी और राम जी के पहनावे और वह कैसे दिखते थे, इसका वर्णन किया।
~द डिवाइन रियलिटी