Devotion
मेरे बाबा कहते हैं…निंदा करने वालों से हमें दूर ही रहना चाहिए !
अपने मालिक तथा अपने गुरु के विषय में नकारात्मक बातें करने वालों या उनकी निंदा करने वालों से हमें दूर ही रहना चाहिए, चाहे वो अपना कितना ही सगा क्यों ना हों । उसका संग करना ही नहीं चाहिए जो हमारे विश्वास को ठेस पंहुचाए। अपने मालिक और अपने गुरु की ना तो निंदा करनी चाहिए और ना ही सुननी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से गौ हत्या के समान ही पाप लगता है, ऐसा शास्त्रों में कहा भी गया है " हरि गुरु निंदा सुनै जो काना। होय पाप गौ घात समाना।।
निंदा तो किसी की भी नहीं करनी चाहिए चूंकि निंदा करने वाला किसी का भी प्रिय नहीं होता है बल्कि सभी उससे दूरी बना लेते हैं । निंदक को मालिक की कृपा भी लाख प्रयत्न करने के बाद भी नहीं प्राप्त होती । सदा ही जपते रहिए "ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं" बाबा सबका सदा ही कल्याण करें ।।
— उमा शंकर गुरु जी /बाराबंकी