बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के चलते सीमा पर सुरक्षा बनी भारत के लिए बड़ी चुनौती
लखनऊ, अगस्त 7 (TNA) बांग्लादेश में सोमवार को हुए तख्तापलट ने वहां राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर दी है। इसके चलते भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ गई। चिंता यह कि अराजक तत्वों के साथ ही आतंकवादी और अपराधी सीमा पार करके अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की जुगत में लग सकते हैं। इससे भारत में अमन की दुश्मनों की गतिविधियां के भी बढ़ने की आशंका बलवती हो गई है।
इसके साथ ही बांग्लादेशी नागरिकों के पलायन का भी खतरा बढ़ा है, जो सीमाई क्षेत्रों में विवाद और मानवीय समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। ऐसे में भारत को सीमा से बांग्लादेशी नागरिकों का अवैध रूप से प्रवेश रोकना और पूरे सीमाई इलाके में सख्त सुरक्षा-निगरानी बेदह जरूरी है। इसके साथ ही सीमा पार से आतंकवाद, जाली भारतीय मुद्रा की तस्करी समेत अन्य अपराधों को रोकना भी सुरक्षा के लिहाज से बहुत आवश्यक है।
बहरहाल, इन हालातों को देखते हुए भारत सरकार की ओर से बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सीमा क्षेत्रों में जवानों की तैनाती बढ़ा दी गई है। सभी सुरक्षा कर्मियों के अवकाश रद करने के साथ ही उन्हें सतर्क रहने के निर्देश दिए गए है। बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी के साथ बीएसएफ के दूसरे आला अफसरों ने सीमा क्षेत्र का दौरा कर सुरक्षा स्थितियों की समीक्षा की और जवानों को हर समय चौकस रहने को ताकिद किया।
भारत सरकार और सुरक्षा से जुड़े जिम्मेदारअफसरान पड़ोसी देश की स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए हैं। मेघालय सरकार ने बांग्लादेश की सीमा से जुड़े इलाकों में रात कर्फ्यू लगा दिया है, जो शाम छह बजे से दूसरे दिन सुबह छह बजे तक रहेगा। इसके अलावा भारत सीमा पर बाड़ लगाने, तेज रोशनी की व्यवस्था, नौकाओं और तैरती सीमा चौकियों का प्रयोग, हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर, नाइट विजन डिवाइस, ट्विन टेलीस्कोप, मानव रहित हवाई वाहन जैसे अत्याधुनिक तकनीक वाले उपकरणों का उपयोग करके सीमा पर सुरक्षा घेरा मजबूत किया जा रहा है।
भारत-बांग्लादेश की सीमा दुनिया की सबसे खतरनाक सीमाओं में शामिल मानी जाती रही है। यह हमेशा से ही संवेदनशील रही है। भारत-बांग्लादेश के बीच 4096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी थल सीमा है। यह भारता के पांच राज्यों बंगाल, असम, मेघालय,त्रिपुरा और मिजोरम से सीधे गुजरती है।
इस सीमा पर मौजूद आतंकी, तस्करी, घुसपैठ और अपराध जैसे विभिन्न खतरों को देखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 1986 में इस पर बाड़ लगाने का काम शुरू किया था। हालांकि, काफी प्रयासों के बाद मार्च 2023 तक कुल 4096 किलोमीटर में से 3180.65 किलोमीटर लंबाई पर बाड़ लगाई जा चुकी थी। भारत सरकार का लक्ष्य मार्च 2024 तक बची हुई 915.35 किलोमीटर पर सीमा पर बाड़ लगाना था, जो पूरा होना बाकी है।