कौशल विकास मंत्री ने “स्वच्छता ही सेवा” न्यूज़लेटर जारी किया

कौशल विकास मंत्री ने “स्वच्छता ही सेवा” न्यूज़लेटर जारी किया

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नई दिल्ली, 19 सितंबर (TNA) कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), जयंत चौधरी ने आज “स्वच्छता ही सेवा” नामक एक विशेष न्यूज़लेटर जारी किया। सुलभ इंटरनेशनल ने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सहयोग से गुरुवार को नई दिल्ली के कौशल भवन में “स्वच्छता ही सेवा” अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव, श्री अतुल तिवारी ने सभा को संबोधित करते हुए सुलभ इंटरनेशनल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने MSDE के तहत संगठनों और सुलभ के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

यह अभियान स्वच्छ भारत के लिए प्रधानमंत्री की अपील का सम्मान करने के उद्देश्य से विशेष स्वच्छता कार्यक्रमों और पहलों की एक श्रृंखला शामिल करता है। MSDE के वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें निराम्बु शरण, वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार, तृषालजीत सेठी, अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक (प्रशिक्षण), और सुश्री हन्ना उस्मान, संयुक्त सचिव शामिल थे, ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए।

सुलभ “स्वच्छता ही सेवा” 2024 अभियान के तहत स्वच्छता पखवाड़े के दौरान भारत के 260 स्थानों पर राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का लक्ष्य रखता है। ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता (4S)’ थीम के तहत यह अभियान 17 सितंबर को शुरू हुआ और 2 अक्टूबर, 2024 को समाप्त होगा। सुलभ इंटरनेशनल के अध्यक्ष कुमार दिलीप ने कहा, “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता (4S) अभियान अत्यंत प्रेरणादायक है। हम इस पहल का प्रभाव देशभर में लाखों लोगों के जीवन पर डालने का हर संभव प्रयास करेंगे।”

कुमार ने आगे कहा, “इस तरह के अभियान प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। यह सुलभ आंदोलन के संस्थापक दिवंगत डॉ. बिंदेश्वर पाठक की भी इच्छा है।” इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छता कैसे दैनिक जीवन का एक मूलभूत पहलू बन गई है, जो राष्ट्रव्यापी व्यवहार में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला रही है।

इस वर्ष की थीम, ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता (4S) 2024’, स्वच्छता के प्रति व्यवहारिक परिवर्तन को बढ़ावा देने की ओर संकेत करती है। इसका उद्देश्य स्वच्छता को दैनिक आदतों और सांस्कृतिक प्रथाओं में शामिल करना है, जिससे स्वच्छता के प्रति एक संशोधित दृष्टिकोण को प्रोत्साहित किया जा सके। इस अवसर पर सुलभ सैनिटेशन क्लब के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों के छात्रों द्वारा स्वच्छता थीम पर रचनाओं की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।

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