दुबई में सजा-ए-मौत तक पहुंचा छल-फरेब में फंसी बांदा की शहजादी का सफर
लखनऊ, 3 सितम्बर (TNA) छल-फरेब में फंसी बांदा की शहजादी का सफर दुबई में सजा-ए-मौत तक पहुंच गया है। इस युवती के माता-पिता ने पीएम मोदी और सीएम योगी से हस्तक्षेप कर 21 सितम्बर को मुकर्रर फांसी की सजा से बेटी को बचाने की गुहार लगाई है। परिजन विदेश मंत्रालय का भी चक्कर लगा रहे है। उनका कहना है कि जालसाजों ने उनकी बेटी शहजादी को जबरन बच्चे की जान लेने के इल्जाम में फंसा दिया है। वह संयुक्त अरब अमीरात यूएई की अबू धाबी जेल में कैद है।
आइए जानते हैं शहजादी की कहानी। बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गोयरा मुगली गांव के रहने वाले सब्बीर खां की तीन बेटियों में सबसे छोटी बेटी शहजादी 8 वर्ष की उम्र में चूल्हे पर खाना बनाने के दौरान जल गई थी। जलने के बाद उसका चेहरा खराब हो गया था। शहजादी सामाजिक कार्य करने वाली एक संस्था से जुड़ी हुई थी। इसी बीच आगरा के रहने वाले उजैर नाम के लड़के से उसकी फेसबुक के जरिए दोस्ती हो गई।
उजैर ने उसे इलाज के लिए आगरा बुला लिया । उसने शहजादी से कहा कि उसके बुआ-फूफा आदि रिश्तेदार दुबई में रहते हैं। वहां इलाज कराकर उसका चेहरा ठीक करवा देगा। उसके बाद उसने इलाज करने के नाम पर शहजादी को आगरा के मूल निवासी और वर्तमान में दुबई में रहने वाले दम्पति फैज और नादिया के साथ भेज दिया।
पिता सब्बीर खां का आरोप है कि असल में उजैर ने उनकी बेटी का डेढ़ लाख रुपये में सौदा कर उसको दुबई भिजवा दिया, जहां शहजादी को घरेलू नौकर की तरह काम करना पड़ता था । साथ ही फैज और उसकी पत्नी के टॉर्चर से भी गुजरना पड़ता था। इसी बीच फैज के 4 साल के बेटे की मौत हो गई, लेकिन फैज ने इसके लिए भी शहजादी पर इल्जाम मढ़ दिया।
इस मामले में दुबई की कोर्ट ने चार महीने पहले शहजादी को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद शहजादी के परिजनों ने बांदा की कोर्ट में उजैर, फैज और नादिया के खिलाफ मुकदमा किया और इसके बाद कोर्ट ने तीनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए थे।