लखनऊ में ठहरेंगे राम मंदिर के पूजन में शामिल होने वाले अतिथि, बड़े होटलों में 20 से 23 जनवरी तक एडवांस बुकिंग पर रोक
लखनऊ, दिसंबर 18 (TNA) उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का दिन नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे प्रदेश सरकार की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं. वर्तनाम में सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए देश भर से आने वाले लोगों के ठहराने की है. सरकार की सूचना के अनुसार, देश भर के लाखो-लाख लोग अगले साल 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित समारोह का हिस्सा बनना चाहते हैं.
जबकि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आठ हजार से अधिक अति विशिष्ट लोगों को आमंत्रित कर रहा है. इन्हे भी अयोध्या में ठहराने की जगह कम पड़ रही है. इन कारण अब इन अति विशिष्ट अथितियों में सैंकड़ों लोगों को लखनऊ के प्रमुख बड़े होटलों में ठहराने का इंतजाम किया जाने लगा है. इसके साथ ही अब श्हर के बड़े होटलों में अगले साल 20 जनवरी से लेकर 23 जनवरी तक किसी भी एडवांस बुकिंग पर रोक लगा दी गई है.
सूबे के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद की अध्यक्षता में उच्चाधिकारियों और होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है. जिसके चलते होटल कारोबारियों से कहा गया है कि आगामी 22, 21, 22 और 23 जनवरी को कोई भी बुकिंग ना करें. और लखनऊ में रुकने वाले अतिथियों को लखनऊ की मेहमाननवाजी से रूबरू कराएं, जिससे वे एक सुखद अनुभव संग वापस लौटें. इस फैसले के पहले गत दिसंबर को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने भी श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय अयोध्या में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने को लेकर अपने विचार व्यक्त किए थे.
तब उन्होने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा था कि हम नही जानते अयोध्या में अगले साल 22 जनवरी को 25 हजार लोग आयेंगे या 25 लाख, लेकिन हमारा निवेदन यहीं है कि 22 जनवरी के बाद अयोध्या आएं. आप अपने स्थान पर आनंद मनाइये, भजन कीर्तन कीजिए, त्योहार मनाइये और अपने घरों के दरवाजे दीपक से प्रकाशित कीजिए.
कहा जा रहा है कि अयोध्या में लाखों लोगों को ठहराने के लिए सीमित स्थान का आंकलन करते हुए ही शायद चंपत राय ने अपने यह विचार व्यक्त किए थे. परंतु उनके इस कथन के बाद जिस तरह से यूपी सरकार अयोध्या में आने वाले लोगों और अति विशिष्ट अतिथियों के रुकने तथा उनकी अन्य जरूरतों की पूर्ति करने के लिए सक्रिय हुई है, उससे सरकार की समक्ष उत्पन्न चुनौतियों का अहसास अन्य लोगों को भी होने लगा है.
एक कई चुनौतियां है
सरकार के समक्ष चुनौती खाली यह नहीं है कि श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में आने वाले अति विशिष्ट अतिथियों को कहां-कहां ठहराया जाए, उनकी सुरक्षा तथा उनके वाहनों की पार्किंग भी कहा कराई जाए, 22 जनवरी को जब प्रधानमंत्री अयोध्या में होंगे तब कहीं भी ट्राफिक जाम ना होने पाए और उस दौरान अयोध्या पहुंचे लोग मंदिर की तरफ आने के लिए दबाव ना बनाए. यह सारे इंतजाम भी सूबे की सरकार को करने हैं.
इसके लिए कितनी पुलिस फोर्स कहां-कहां तैनात की जाए? यह सब तय किया जा रहा है. इसके अलावा देश भर से अयोध्या पहुँचने वाले पाँच सौ से अधिक साधू-संतों को भी ठहराने के प्रबंध किया जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के ठहरने और उनकी सुरक्षा के प्रबंध भी सूबे के अफसर अब एसपीजी के अधिकारियों के साथ मिलकर करने में जुट गए हैं.
— राजेंद्र कुमार