आगरा में सिजेरियन से पेट से निकाली गयी पौने दो किलो की रसौली

आगरा में सिजेरियन से पेट से निकाली गयी पौने दो किलो की रसौली

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आगरा।। भारत में सिजेरियन के साथ पहली बार पौने दो किलो की रसौली का जटिल ऑपरेशन आगरा के डॉ. अमित टंडन ने कराया है। इससे पूर्व कलकत्ता में सिजेरियन के साथ डेढ़ किलो की रसौली को ऑपरेट किया जा चुका है। कमलेश टंडन हॉस्पीटल में रसौली विषय पर आयोजित व्याख्यान व प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए डॉ. अमित टंडन ने बताया कि झांसी निवासी मरीज पहले तो रसौली की समस्या के कारण गर्भधारण ही नहीं कर पा रही थी। गर्भाशय को खतरा न पहुंचे, इसलिए पहले रसौली का ऑपरेशन नहीं कराया।

गर्भधारण होने पर कई डॉक्टरों को दिखाने पर सलाह दी कि पहले रसौली निकलवाओ, तभी गर्भ रुक पाएगा, अन्यथा दिक्कत हो सकती है। इस अवस्था में वह डॉ. अमित टंडन के पास पहुंची। डॉ. टंडन ने नौ माह पूरे होने पर उसके सिजेरियन कराने के साथ रसौली के ऑपरेशन की भी जिम्मेदारी ली। और हाल ही में 2 किलो के स्वस्थ शिशु के जन्म के साथ पौने दो किलो की रसौली भी निकाली। डॉ. अमित टंडन का कहना है कि भारत में सिजेरियन के साथ पौने दो किलो की रसौली निकालने का यह पहला ऑपरेशन है।

रसौली की समस्या से गुजर रहे हैं तो इन लक्षणों पर ध्यान दें..
-भारी रक्तस्त्राव या कई दिनों तक माहवारी का चलना। -पेट के निचले हिस्से में दर्द होना। -बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना, कब्ज। -पीठ या पैर में दर्द होना (जो माहवारी से पहले बढ़ जाए)

इसके साथ ही साथ 21 वर्ष की अविवाहित युवती का सात घंटे की मैराथन ऑपरेशन के साथ छोटी-बड़ी 28 रसौली (ढाई किलो की) गर्भाशय को सुरक्षित रखते हुए निकाली। इस युवती को डॉक्टरों ने कहा दिया था कि माता-पिता इसकी शादी न करें। इसकी बच्चेदानी निकालनी पड़ेगी।

वहीं 31 वर्ष की अविवाहित युवती के 45 छोटी-बड़ी रसौली थी, जिनका आकार नौ माह के गर्भ के समान हो गया था। गर्भाशय न निकालना पड़े, इस डर से युवती एक वर्ष से ऑपरेशन नहीं करा रही थी। उसका भी सफल ऑपरेशन लैप्रोस्कोपिक विधि से किया गया। डॉ. टंडन ने कहा कि रसौली की समस्या से पीड़ित महिलाएं घबराएं नहीं। आधुनिक तकनीकी से गर्भाशय को सुरक्षित रखते हुए रसौली का जटिल ऑपरेशन सम्भव है।

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