अमेरिका की डा0 लीसा सैण्डी अपने पैसे से बाराबंकी आकर नेत्र के मरीजों को रोशनी प्रदान कर रही हैं
बाराबंकी, फ़रवरी 15 (TNA) इस दौर में जब इंसान के पास अपनो के लिए समय नही है गरीबों की सेवा करने का जज्बा कम हो चुका है जिला मुख्यालय से मात्र 5किमी0 दूरी पर 42 वर्षों से जंगल में चल रहे सेवा कुम्भ में सात समुन्दर की दूरी पूरी कर ग्रामीणजनों को रोशनी देने के लिए ट्रीनेटी हेल्थ अस्पताल अमेरिका के शहर नार्थ डेकोरा से डा0 लीसा सैण्डी अपने पैसे से बाराबंकी आकर नेत्र के मरीजों को रोशनी प्रदान कर रही है।
लीसा पहली बार भारत आयी राम वन कुटीर आश्रम में प्रति वर्ष होने वाले नेत्र शिविर की ख्याति सुनकर अपने आपको रोक नही सकी। उन्होनें एशिया के प्रसिद्ध डाक्टर जैकब प्रभाकर से सम्पर्क कर शिविर में आने की अनुमति मांगी और फ्लाइट पकड़कर भारत पहुंच गयी। लीसा ने कहा सैकड़ो वर्षों पूर्व एक युवा सन्यासी भारत से अमेरिका पहुँचा था।
"मैं स्वामी विवेकानन्द जी के विचार नरसेवा-नारायण सेवा से प्रभावित हूँ। उन्ही की प्रेरणा से मैं यहाँ पर पहुँचकर मरीजों की सेवा कर रही हूँ" उन्होंने कहा और साथ में जोड़ा कि यहाँ पर मेडिकल जगत का चमत्कार हो रहा है।
आश्रम के सेवादार मनीष मेहरोत्रा ने बताया कि 14 फरवरी तक 2463 मरीजों के नेत्र (मोतियाबिन्द) के सफल आपरेशन डा0 जैकब प्रभाकर की टीम द्वारा किये जा चुके हैं। ट्रस्ट द्वारा 2463 मरीजों को घर भेजा जा चुका है। 17 फरवरी तक ट्रस्ट अपने 3000 के लक्ष्य को पूर्ण कर लेगी आज भी मुख्य चिकित्सा कार्यालय से डा0 विनोद दोहरे डी0पी0एम, डा0 कमल नेत्र परीक्षण अधिकारी, टी0एन0 वर्मा, कल जिले के सांसद उपेन्द्र सिंह रावत मरीजों का हाल चाल जानेंगे।