चौबीस घंटे में ही मायावती ने महिला आरक्षण बिल पर बदले अपने सुर, कहा महिलाओं को प्रलोभन देने के लिए लाया गया

चौबीस घंटे में ही मायावती ने महिला आरक्षण बिल पर बदले अपने सुर, कहा महिलाओं को प्रलोभन देने के लिए लाया गया

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लखनऊ, सितंबर 21 (TNA) बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने मंगलवार को महिला आरक्षण बिल का कुछ शर्तों के साथ समर्थन किया था. परन्तु बुधवार को उन्होने महिला आरक्षण बिल को महिलाओं को प्रलोभन देने के लिए लाया गया बिल बताकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. मायावती का कहना है कि यह आरक्षण बिल आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने का सरकार का खेल है. और इस बिल के मुताबिक आने वाले 15-16 सालों में देश में महिलाओं को आरक्षण नहीं मिलेगा. इस बिल के पास होने के बाद इसे तुरंत लागू नहीं किया जाएगा. बसपा अब यह जनता को बताएगी और आगामी लोकसभा चुनावों में यूपी में भाजपा की मुश्किलों में इजाफा करेगी.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने यह सारी बाते प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहीं. महिला आरक्षण बिल को लेकर मायावती का कहना था कि जनगणना और परिसीमन के बाद ही महिला आरक्षण बिल का लाभ मिल सकेगा. जाहिर है कि जनगणना और परिसीमन कराने में समय लगेगा. यानी कि अगले 15-16 सालों में देश में महिलाओं को आरक्षण नहीं मिलेगा. इस बिल के पास होने के तुरंत बाद इसे लागू नहीं किया जाएगा. इससे साफ है कि ये बिल आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने का बिल है.

अगर ऐसा ना होता तो जनगणना और परिसीमन कराए जाने का जिक्र भी किया गया होता. पर ऐसा नहीं किया गया क्योंकि देश की भोली भाली महिलाओं को प्रलोभन दिया जा रहा है. यह दावा करते हुए मायावती ने मांग की है कि ओबीसी महिला को अलग से आरक्षण मिलना चाहिये. मायावती ने भाजपा पर तमाम आरोप लगाने के साथ ही यह भी कहा कि बसपा महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती है.

चौबीस घंटे पहले यह कहा था

मंगलवार को बसपा मुखिया मायावती ने नये संसद भवन में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण वाले महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया था. और उन्होने उम्मीद जताई थी कि इस बार यह महिला आरक्षण बिल जरूर पास हो जायेगा. मायावती ने यह भी कहा था कि देश की महिलाओं को लोकसभा व राज्य की विधानसभाओं में आरक्षण 33 प्रतिशत देने की बजाय यदि उनकी आबादी को भी ध्यान में रखकर 50 प्रतिशत दिया जाता है तो इसका हमारी पार्टी पूरे तहेदिल से स्वागत करेती.

इस बारे में भी सरकार को जरूर सोच-विचार करना चाहिए. इसके साथ ही, महिलाओं के आरक्षण में से एससी, एसटी व ओबीसी वर्गों की महिलाओं को आरक्षण का कोटा अलग से सुनिश्चित करने की बात भी मायावती ने कही थी. यानि की एससी व एसटी को अब तक मिल रहे कोटे में शामिल ना किया जाये, वरना इन वर्गों के साथ काफी नाइंसाफी होगी. मंगलवार को मायावती ने आरक्षण बिल को प्रलोभन बिल नहीं कहा था. परन्तु अब उन्होने नया स्टैंड ले लिया है और उनके इस रुख से भाजपा की राज्य में मुश्किलें बढ़ेंगी. क्योंकि बसपा समर्थक भाजपा के लाए महिला आरक्षण बिल पर अब मायावती के नजरिए से सोचेगे.

— राजेंद्र कुमार

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