सपा में शामिल होकर एमएलसी बनेंगे गुड्डू जमाली, वर्ष 2022 में धर्मेंद्र यादव की हार की वजह बने थे !
लखनऊ, फरवरी 27 (TNA) लोकसभा चुनाव की आहट के साथ ही उत्तर प्रदेश में दलबदल करने का सिलसिला ज़ोर पकड़ने लगा है. जिसके चलते बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तमाम सांसद और पूर्व विधायक नया ठौर तलाशने लगे हैं. गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी समाजवादी पार्टी (सपा) के पाले में जा चुके हैं तो अंबेडकरनगर से सांसद रितेश पांडेय ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली. इसकी क्रम में अब जल्दी ही आजमगढ़
में बसपा के प्रमुख नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली भी सपा में शामिल होंगे. सपा मुखिया अखिलेश यादव से उनकी सपा में वापसी की बातचीत फाइनल हो चुकी है, अब बस एलान होना बाकी है.
सपा विधायक के जरिए बना वापसी का रास्ता
सपा में गुड्डू जमाली के शामिल होने के बाद उन्हे विधान परिषद में भेजा जा सकता है. सपा नेताओं का कहना है कि राज्यसभा चुनावों के बाद 28 फरवरी को गुड्डू जमाली सपा में शामिल होंगे. आजमगढ़ की मुबारकपुर विधानसभा सीट से दो बार के बसपा विधायक रहे गुड्डू जमाली आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले थे, लेकिन बसपा के एकला चलो की राजनीति के तहत उन्हे सपा के पाले में जाना ही अपनी राजनीति के लिए बेहतर लगा तो उन्होने भदोही के सपा विधायक ज़ाहिद बेग के जरिए सपा में वापसी की बात ही.
बताया जाता है कि अखिलेश यादव पार्टी में उनकी वापसी को लेकर पहले तो तैयार नहीं हुए लेकिन यूपी की बदल रही राजनीतिक घटनाक्रम के बाद उन्होंने गुड्डू जमाली के सपा में आने पर अपनी रजामंदी जता दी. अब गुड्डू जमाली के सपा में वापस लौटने से आजमगढ़ लोकसभा सीट पर चुनावी संघर्ष रोचक हो जाएगा. यह कहा जा रहा है. इसकी वजह भी है. आजमगढ़ सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है. गुड्डू जमाली भी इस जिले के प्रतिष्ठित नेता हैं. अभी तक वह बसपा का झड़ा इस जिले में उठाए हुए थे. अब उनके सपा में आने से आजमगढ़ में सपा और भाजपा के बीच की सीधा चुनावी संघर्ष होगा.
कौन हैं गुड्डू जमाली?
गुड्डू जमाली आजमगढ़ के मुबारकपुर के रहने वाले एक बड़े बिजनेसमैन हैं. वर्ष 2012 और वर्ष 2017 से वह बसपा के सिंबल पर विधानसभा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। वर्ष 2022 में आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. जबकि सपा की ओर से यहां अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया था. अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के कारण ये उप चुनाव हुआ था, जिसमें यह सीट सपा के हाथ से निकल गई थी. धर्मेंद्र यादव की हार के पीछे गुड्डू जमाली सबसे बड़ी वजह बने थे. इस उपचुनाव में भाजपा के दिनेश लाल निरहुआ 3,12,768 वोट मिले.
जबकि सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को 3,04,089 वोट और गुड्डू जमाली को 2,66,210 मिले. अगर बसपा ने उन्हें खड़ा नहीं किया होता यहां से सपा की जीत हो सकती थी. खैर गुड्डू जमाली के सपा में आने से अब इस तरह का कोई खतरा सपा को नहीं रहेगी क्योंकि सपा के इस मजबूत गढ़ को भेदने के लिए भाजपा और बसपा के पास कोई मजबूत नेता नहीं है. जबकि गुड्डू जमाली को विधान परिषद में भेजकर सपा मुखिया आजमगढ़ में अपनी पकड़ को और पुख्ता करने की सियासत करने में जुट गए हैं.
— राजेंद्र कुमार