मायावती के संपर्क में इंडिया गठबंधन के दल : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय
लखनऊ, 08 जनवरी 2024 (TNA) लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग के मसले पर इंडिया गठबंधन में सियासत तेज हो गई है. इसके चलते गठबंधन के कई दल यह चाहते है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी उसके साथ आए, लेकिन समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया नहीं चाहते कि बसपा इंडिया गठबंधन का हिस्सा बने. ऐसी सियासत के बीच इस मसले को लेकर सपा और बसपा के बीच तीखी बयानबाजी होने लगी है.
ऐसे उठापटक के माहौल में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने रविवार को लखनऊ के पार्टी मुख्यालय में मीडियाकर्मियों से मुलाक़ात करते हुए यह खुलासा किया कि इंडिया गठबंधन के कुछ साथी बसपा के संपर्क में हैं. यह साथी चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को शिकस्त देने के लिए बसपा का साथ मिले. इंडिया गठबंधन के यह साथी कौन है? इस बारे में तो अविनाश पांडेय ने कोई खुलासा नहीं किया. एक सवाल और था जिसका जवाब भी उन्होंने नहीं दिया.
वह सवाल था यूपी की अमेठी और रायबरेली सीट से कांग्रेस का कौन नेता चुनाव लड़ेगा. इस सवाल का जवाब ना देते हुए अविनाश पांडे ने अपने 15 जनवरी को अयोध्या में रामलला का दर्शन करने जाने का जिक्र किया. यह पहला मौका होगा जब वह अयोध्या में भगवान रामलला का दर्शन करने पहुंचेगे.
सपा और बसपा के बीच तल्खी खत्म होगी
फिलहाल उत्तर में कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए अविनाश पांडेय नई ज़िम्मेदारी पाने के बाद पहली बार लखनऊ आए लेकिन उन्हे यूपी में कांग्रेस की छोटी बड़ी हर चुनौतियों का पता है. उन्हे पता है की यूपी में कांग्रेस अपने दम पर भाजपा को रोकने में सक्षम नहीं है. वह यह भी जानते हैं कि बसपा और सपा के इंडिया गठबंधन में साथ आने पर भाजपा की क्या हालत होगी. जिसके चलते वह बहुत ही सुलझे हुए नेता की तरह यूपी में सपा और बसपा को लेकर पूछे गए सवालों पर बहुत ही सोच समझकर बोल रहे हैं.
यहीं नहीं उन्होंने पार्टी नेताओं की मीटिंग में बसपा के साथ चुनावी तालमेल करने की बात करने वाले एक नेता को चुप रहने की सलाह दी. इसके चलते ही जब उन्हे पूछा गया कि अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन में बसपा को लाने के पक्ष में नहीं है. तो उन्होने बताया कि इंडिया गठबंधन के कुछ दल जरूर बसपा के संपर्क में हैं, लेकिन उन्हे वार्ता की प्रगति के बारे में जानकारी नहीं है. शायद इसी वजह से अखिलेश यादव ने बसपा पर भरोसा ना होने का तंज़ किया था, जिसके जवाब में मायावती ने अखिलेश यादव को अपने गिरेबान में झाँकने की नसीहत दी.
सपा और बसपा की इस नोकझोंक के बाद भी अविनाश पांडेय को भरोसा है, दोनों दलों के बीच तल्खी खत्म होगी और दोनों ही भाजपा को हराने में जुटेंगे. इस उम्मीद के बीच उन्होंने यूपी के कांग्रेसी नेताओं और समर्थकों से सौ दिन देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि ये सौ दिन ही लोकसभा चुनाव में पार्टी का भविष्य तय करेगा. इन सौ दिनों में चुनाव के लिहाज से संगठन को मजबूत किया जाएगा और पार्टी नेताओं का मैसेज गांव गांव तक पहुंचाया जाएगा.
रामलला का दर्शन करने जाएंगे
अयोध्या में राम मंदिर के होने वाले प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में 22 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी के जाने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब तो अविनाश पांडेय ने नहीं दिया, लेकिन 15 जनवरी को अपने साथ अयोध्या चलाने का न्योता जरूर उन्होने मीडियाकर्मियों को दिया.
उन्होने कहा कि वह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय सहित पार्टी के तमाम नेता अयोध्या जाकर सरयू में स्नान करने के बाद रामलला और हनुमान जी का दर्शन करने जाएंगे. उन्होने यह भी कहा कि भगवान राम सबके हृदय में बसे हैं और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से कांग्रेस को प्रसन्नता है, लेकिन इसका राजनीतिकरण किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.
— राजेंद्र कुमार