यूपी की जेलों में हनुमान चालीसा पढ़ेंगे कैदी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने जेल मंत्री के फैसले पर जताई आपत्ति
लखनऊ, नवंबर 28 (TNA) कुछ दिनों पहले एनसीईआरटी की एक उच्चस्तरीय समिति ने रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को सोशल साइंस की किताबों में शामिल करने की सिफ़ारिश की थी. इस सुझाव को लेकर देशभर में जो विवाद शुरू हुआ वह अभी थमा भी नहीं था कि उत्तर प्रदेश के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने सूबे की जेलों में बंद कैदियों को हनुमान चालिसा का पाठ करने के लिए धार्मिक पुस्तक जेल में मुहैया कराने का आदेश दे दिया.
जेल मंत्री का कहना है कि जेल में बंद कैदी रामायण का सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पढ़कर पर्सनालिटी डवलपमेंट की बातें सीखेंगे. धर्मवीर प्रजापति के इस कथन और फैसले पर कांग्रेस के प्रदेश अजय राय ने आपत्ति जताई है. अजय राय का कहना है, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और योगी सरकार के मंत्री लोगों की आस्था को इवेंट बनाने में जुट गए हैं. इसकी के तहत कैदियों को हनुमान चालिसा पढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है.
कैदियों पर अपनी पसंद थोप रहे हैं मंत्री : अजय राय
सूबे के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति बेहद ही सुलझे हुए नेता हैं. वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं और हाथरस जिले के बहरदोई के रहने वाले हैं. वह माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे हैं. सोमवार को आजमगढ़ जेल में कैदियों के साथ संवाद करते हुए धर्मवीर प्रजापति ने सभी कैदियों को हनुमान चालिसा और रामायण पढ़ने की सलाह दी. उन्होने कहा कि उक्त धार्मिक किताबों को पढ़ने से कैदियों का व्यक्तित्व विकास होगा. इसी सोच के तहत ही उन्होने मथुरा और आगरा की जेलों में हनुमान चालीसा वितरित किया था.
जिस भी जेल में वह जाते हैं वहां कैदियों को हनुमान चालीसा की प्रतियां वितरित करते हैं. आजमगढ़ जेल में कैदियों को यह बताने के बाद जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने सभी जेल अधीक्षकों को इसके लिए समुचित इंतजाम करने और आवश्यकता के मुताबिक कैदियों को उक्त धार्मिक पुस्तक उपलब्ध कराने को कहा है.
उनके इस आदेश की जानकारी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय को हुई तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताई. अजय राय कहते हैं कि जेल में बंद कैदी किस धार्मिक किताब को पढ़े और किसे नहीं, जेल मंत्री को यह बताने से बचाना चाहिए. जेल में बंद कैदी क्या खाएं और क्या पढ़े? इसके लिए उन पर दबाव नहीं डालना चाहिए. किसी भी मंत्री को अपनी पसंद नापसंद दूसरे पर थोपना नहीं चाहिए. फिलहाल जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति अपनी पसंद कैदियों पर थोप रहे हैं. वह लोगों की धार्मिक आस्था को इवेंट बना रहे हैं, यह ठीक नहीं है.
मंत्री की सफाई
कांग्रेस नेता अजय राय ही इस आपत्ति पर जब जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति से संपर्क किया गया तो उन्होने अपने कथन पर सफाई दी. उनका कहना है कि कैदियों को हनुमान चालिसा मुहैया कराने और उसे पढ़ने की सलाह देने के पीछे उनका कोई धार्मिक मकसद नहीं है, ना ही कोई बाउंडेशन है. चूंकि हनुमान जी से बेहतर व्यक्तित्व विकास का कोई गुरु नहीं हो सकता. इसलिए वह कैदियों से आग्रह करते हैं कि वह हनुमान जी को पढ़ कर और उससे समाज में बेहतर जीवन जीने का सलीका जरूर सीखें.
किसी भी कैदी को इसके लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. जो पढ़ाना चाहे पढ़े जो ना पढ़ाना चाहे ना पढ़े. जो कोई कैदी हनुमान चालीसा पढ़ना चाहता है, उसे जेल में यह किताब मिले इसकी व्यवस्था करने को कहा गया है. ताकि जब भी कोई भी कैदी इस तरह की धार्मिक पुस्तकों की मांग करें तो जेल की लाइब्रेरी से वह पुस्तक उसे उपलब्ध कराई जा सके. इस मामले को लेकर राजनीति करने की जरूरत नहीं है.
— राजेंद्र कुमार