अखिलेश यादव ने पत्रकारों के घरों पर छापे डालने की निंदा की, कहा कार्रवाई पराजित भाजपा की हताशा का संकेत
लखनऊ, अक्तूबर 3 (TNA) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पत्रकारों के घरों पर छापे डालने की निंदा करते हुए कहा कि ये छापे की कार्रवाई पराजित भाजपा की हताशा का एक संकेत है। यादव ने कहा कि ये कोई नई बात नहीं है, ईमानदार खबरनवीसों पर भाजपाई हुक्मरानों ने हमेशा छापे डाले हैं। लेकिन सरकारी प्रचार-प्रसार के नाम पर हर महीने मित्र चैनलों को कितने करोड़ दिए जा रहे हैं, यह भी जनता के सामने आना चाहिए।
भाजपा राज में पत्रकारों का सर्वाधिक उत्पीड़न हुआ है। मंत्रियों से सवाल पूछने भर से उन्हें जेल की हवा खानी पड़ी है। कई पत्रकारों की जिंदगी से भी खिलवाड़ की घटनाएं हुईं। शासन-प्रशासन की भूमिका इनमें संदिग्ध बनी रही। मणिपुर के हालात की जांच के लिए गए वरिष्ठ पत्रकारों पर भी मुकदमें लगा दिए गए हैं। पत्रकारों के पीछे जांच एजेंसियां लगाकर भाजपा ने वस्तुतः अपने विरूद्ध आत्मघाती गोल किया है। अभिव्यक्ति की आजादी उसे सहन नहीं हो रही है। बदले की भावना से वह जो कदम उठा रही है, वे उस पर ही भारी पड़ेंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी गलत नीतियों की आलोचना भी सहन नहीं कर पा रही है। लोकतंत्र में अपने राजनीतिक विरोधियों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार करने वाली भाजपा सत्ता के अहंकार में डूबी हुई है। भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव बनाया जा रहा है। समय आने पर देश की जनता भाजपा के घमण्ड को तोड़ देगी।
भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है। संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है। भाजपा सत्ता के लिए लोकतंत्र के सभी स्तम्भों को डराकर रखना चाहती है। देश में स्वतंत्र पत्रकारिता के विरुद्ध अघोषित सेंसरशिप लगाने की साजिश हो रही है। देश की जनता भाजपा के इस अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा के कारनामों पर दिल्ली की सत्ता से हटाकर जवाब देगी।