मेटाफर लिटरेचर फेस्टिवल में राज स्मृति, अलका प्रमोद और मनुज शर्मा द्वारा “रामायण की 40 शिक्षाएं” का विमोचन
लखनऊ || लखनऊ का साहित्य जगत हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखी गई पुस्तक “रामायण की 40 शिक्षाएं” के लोकार्पण को लेकर उत्साहित था। मेटाफर लिटरेचर फेस्टिवल ने सैकड़ों दर्शकों की उपस्थिति के बीच बहुप्रतीक्षित पुस्तक विमोचन और संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया।
“रामायण की 40 शिक्षाएं” नामक पुस्तक प्रसिद्ध लेखक राज स्मृति और अलका प्रमोद द्वारा लिखी गई है और इसे मनुज शर्मा द्वारा डिज़ाइन और चित्रित किया गया है। लॉन्च के मौके पर पुस्तक के लेखिका राज स्मृति ने कहा, “जब आप किसी चीज में अपना दिल और आत्मा लगाते हैं, तो वह निश्चित रूप से सफल होती है और आपको आपकी मनचाही मंजिल तक ले जाती है। एक आकस्मिक पुस्तक चर्चा के रूप में शुरू हुआ एक सपना आज एक वास्तविकता बन गया है।” हिन्दी लेखिका अलका प्रमोद ने हमें आधुनिक समय में राम के महत्व से अवगत कराया।
उपस्थित लोगों को लेखकों द्वारा पुस्तक का पठन से भी कराया गया, जिससे उन्हें पुस्तक के पन्नों के भीतर निहित एक मनोरम अंतर्दृष्टि और विश्लेषण मिला। लोकार्पण के अवसर पर डॉ. आमोद सचान (संस्थापक, अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक - शेखर हॉस्पिटल और हिंद संस्थान) ने पुस्तक के बारे में अपने विचार व्यक्त किए और जीवन में आध्यात्मिकता के महत्व को भी समझाया। रामायण के सार और प्रासंगिकता पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई जिसमें विशिष्ट अतिथियों ने अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और पुस्तक के विमोचन के साथ हुई, जिसके बाद मनुज शर्मा और राकेश आर्या ने गिटार पर संगीतमय प्रस्तुति दी। 'राम का गुणन करिये', 'रघुपति राघव', और 'दाता एक राम' जैसे गीतों ने दर्शकों को साथ में गुनगुनाने और पुस्तक विमोचन का आनंद लेने के लिए मजबूर कर दिया।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में अयोध्या में संपन्न हुए दीपोत्सव में इस पुस्तक का विमोचन उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के साथ-साथ पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने किया था। यह पुस्तक करियर ग्रूमर्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित की गई है, जिसका संपादन सुरेखा वाल्डिया, शरत नायर और धीरज गुप्ता ने किया है। राजीव प्रधान इस पुस्तक के संरक्षक और सलाहकार रहे हैं और विजेंद्र पांडे रणनीतिक भागीदार हैं।