अखिलेश का बदला तेवर, कांग्रेस के साथ सपा भाजपा को रोकेगी, यूपी में सभी अस्सी सीटें इंडिया गठबंधन से साथ मिलकर लड़ेंगी
लखनऊ, दिसंबर 7 (TNA) चार राज्यों के चुनावों के चुनाव परिणाम ने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव के तीखे तेवरों को नरम कर दिया है. चुनाव परिणाम आने के पहले तक अखिलेश यादव कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोले थे. वह मध्य प्रदेश में कांग्रेस को हराने में जुटे थे, लेकिन अब कांग्रेस को साथ लेकर चलने की बात कह रहे हैं. मंगलवार को यहां पार्टी दफ्तर में अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं और कुछ पत्रकारों के साथ चार राज्यों के चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए दो महत्वपूर्ण ऐलान किए.
पहला यह कि वह इंडिया गठबंधन की आगे होने वाली बैठक में मौजूद रहेंगे. और दूसरा यह कि यूपी में वह सभी अस्सी सीटें गठबंधन में लड़ेंगे. और हम इंडिया गठबंधन और कांग्रेस के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने का काम करेंगे. यूपी में इंडिया जीतेगा.
इसलिए बदला अखिलेश के तेवर
अखिलेश यादव के इस कथन से यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच बढ़ रही तल्खी पर विराम लगेगा. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी ने भी सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने में खुशी जताई और उन्हे अखिलेश यादव के बदले मन को लेकर कोई सवाल नहीं किया. राजनीति के जानकार जरूर यह सवाल कर रहे हैं, जो अखिलेश यादव दस दिन तक मध्य प्रदेश में कांग्रेस को हराने के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे और जिन्होने सबसे पहले 6 दिसंबर को होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होने से इंकार किया था. उनका मन अचानक कैसे बदल गया?
इस सवाल को लेकर राजनीति के जानकारों का कहना है कि चार राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम ही इस बदलाव की वजह है. इन परिणामों से साबित हुआ है कि अकेले चुनाव लड़ने से सपा और बसपा बड़ी चुनावी जीत हासिल नहीं कर सकती. इसी वजह से अखिलेश के तेवर नरम हुए हैं. वही दूसरी तरफ सपा के प्रवक्ता आशुतोष वर्मा कहते हैं कि अखिलेश यादव के इंडिया गठबंधन की बैठक 6 दिसंबर को रद्द करने का आग्रह कांग्रेस नेताओं से किया था.
कांग्रेस नेतृत्व ने उनके इस फैसले का मान रखा. अब रही बात लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने की तो अखिलेश यादव कभी भी यह नहीं कहा था कि वह कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे. मध्य प्रदेश में सपा ने इस लिए कांग्रेस की खिलाफत की क्योंकि कांग्रेस नेता कमलनाथ ने विवादित बयान दिया था. अब अखिलेश-वखिलेश करने वाले कमलनाथ राजनीति में अनाथ हो गए. इसलिए पुरानी बातों को भूल कर अखिलेश जी नई पहल कर रहे हैं ताकि यूपी में भाजपा को इंडिया गठबंधन की ताकत का अहसास कराया जा सके.
कांग्रेस के तेवर भी नर्म हुए
आशुतोष के अनुसार, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि तीन राज्यों के चुनाव परिणाम से हमने सबक लिया है और हमें ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता है, इसलिए वह मिलकर चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं. इसके साथ ही अखिलेश यह भी कह रहे हैं कि हमारे मूल मुद्दे जातीय जनगणना महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज बुलंद करने के काम रहेंगे. फिलहाल अखिलेश यादव के बदले तेवरों से यूपी के विपक्षी राजनीति के रिश्तों में नई शुरुआत की आहट सुनाई पड़ने लगी है.
यूपी कांग्रेस के नेताओं ने भी अपने तेवर नरम किए हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय जिन्होने सपा मुखिया के खिलाफ कई तीखे बयान दिए थे, मंगलवार को उनका रुख अखिलेश को लेकर नर्म दिखा. अजय राय ने कहा कि हम मिलकर ही भाजपा को रोक सकते हैं. अगर हमने इन्हें यूपी में रोक लिया तो फिर देश की राजनीति बदल सकती है. फिलहाल सपा और कांग्रेस दोनों के नेता हम साथ-साथ हैं का फील दे रहे हैं. अखिलेश यादव के इस नर्म हुए रुख से अब यूपी में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का कांग्रेस के साथ जाने की चर्चा भी थम जाएगी. क्योंकि अखिलेश यादव की तरफ से भी कहा गया है कि इंडिया गठबंधन की अगली बैठक में वे मौजूद रहेंगे. और इंडिया गठबंधन की बैठक आगे जब भी होगी, अखिलेश यादव उन बैठकों में मौजूद रहे हैं.
— राजेंद्र कुमार