यूपी में जो संस्था सड़क बनाएगी, वही टूट फूट भी ठीक कराएगी: योगी

यूपी में जो संस्था सड़क बनाएगी, वही टूट फूट भी ठीक कराएगी: योगी

सूबे की जनता को गुड गवर्नेंस का संदेश देने की मुहिम, उत्तर प्रदेश में करीब चार लाख किलोमीटर का है ग्रामीण-श्हरी सड़क नेटवर्क
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लखनऊ, सितंबर 12 (TNA) उत्तर प्रदेश में हर साल खराब सड़कों को ठीक कराने में करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं. ऐसे में अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तय किया है कि नई सड़कों का निर्माण करने वाली संस्था ही अगले पांच वर्षों तक उसके अनुरक्षण की ज़िम्मेदारी उठाएगी. सरकार ही इस शर्त का पालन करने वाली संस्था को ही सड़क निर्माण का कार्य सौंपा जाएगा.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने दीपावली से पहले प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिया है. सरकार के इस फैसले को लोकसभा चुनाव के पहले जनता को गुड गवर्नेंस का संदेश बताया जा रहा है.

सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है. मुख्यमंत्री का मानना है कि सड़क बनाने वाली संस्था को ही अगले पांच वर्षों तक सड़क की टूट फूट को ठीक करने की ज़िम्मेदारी दिए जाने का लाभ जनता को मिलेगा. इसके अलावा सड़क का निर्माण करने वाली संस्था भी सड़क के निर्माण पर ज्यादा ध्यान देगी, ताकि सड़क मजबूत बने. अभी हर बरसात में राज्य के हर जिले में सड़के क्षतिग्रस्त हो रही है और सरकार को प्रदेश व्यापी सड़क गड्ढामुक्ति का अभियान चलाना पड़ रही है.

सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की प्रदेश बाहर से मिली रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए ही सीएम योगी ने सड़कों के निर्माण संबंधी योजना में बदलाव करने का फैसला किया हैं. सीएम मंत्री का मानना है कि जो संस्था सड़क बनाए, वही संस्था बनाई गई सड़क का पांच वर्ष तक अनुरक्षण करेगी तो ज्यादा सड़क मजबूत सड़क बनेगी. क्योंकि अगर पांच वर्ष के भीतर नई बनी सड़क क्षतिग्रस्त हुई तो सड़क बनाने वाली संस्था की छवि सरकार और जनता की बीच खराब होगी और उस संस्था को ही सड़क को गड्ढामुक्त करने में अतिरिक्त धनराशि खर्च करनी होगी.

अफसरों के अनुसार राज्य में लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई, मंडी परिषद, सिंचाई, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, आवास, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आदि विभागों की करीब 04 लाख किलोमीटर सड़कें प्रदेश में हैं. इसमें पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत 2,76, 042 किमी लंबा सड़क नेटवर्क है. करीब 10,901 किमी स्टेट हाईवे हैं, जबकि 6749 किमी प्रमुख जिला मार्ग (एमडीआर) श्रेणी के मार्ग हैं. 54,244 किमी लंबे अन्य जिला मार्ग (ओडीआर) और 2,04,148 किमी ग्रामीण मार्ग हैं. शासन को मिली जानकारी के अनुसार, इस वक्त बारिश से काफी संख्या में ओडीआर और ग्रामीण मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं.

इस शर्त को ना पूरा करने वाली संस्था को ब्लैकलिस्ट करते हुए उसे सड़क निर्माण का कार्य भी नहीं दिया जाएगा. इस सोच का आधार पर सीएम योगी ने सभी विभागों को यह निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए सड़क बनाने वाली एजेंसी/ठेकेदार सड़क बनने के अगले 05 वर्ष तक उसके अनुरक्षण की जिम्मेदारी भी उठाएगा. इस बारे में नियम-शर्ते स्पष्ट रूप से उल्लेखित की जाएं.

आपराधिक छवि के लोगों को ठेके ना दिए जाए

इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा है कि सूबे का कोई भी विभाग कहीं भी लोकहित से जुड़ी किसी परियोजना में माफिया/अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को स्थान ठेका-पट्टा ना दे. ऐसे लोगों के करीबी रिश्तेदारों और गैंग के गुर्गों को भी ठेके-पट्टे से दूर रखा जाए. और सड़कों के गड्ढामुक्ति और नवनिर्माण के अभियान की जियो टैगिंग कराई जाए.

इसे पीएम गतिशक्ति पोर्टल से जोड़ा जाना जाए. साथ ही इसी तर्ज पर अपना पोर्टल भी विकसित किया जाना चाहिए ताकि कार्य की गुणवत्ता की अनवरत मॉनिटरिंग की जा सके. सड़क निर्माण और सड़कों के गड्ढामुक्ति अभियान में कहीं भी अभियंताओं की कमी न हो, आवश्यकता पड़े तो आउटसोर्सिंग से भी तैनाती करने के निर्देश भी सीएम योगी ने दिया है. कहा जा रहा है लोकसभा चुनावों के पहले सड़कों को बेहतर कर सूबे के सरकार जनता को गुड गवर्नेंस का संदेश देना चाहती है, इसकी लिए यह तेजी दिखाई जा रही है.

— राजेंद्र कुमार

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