राम दर्शन के जरिए दक्षिणी राज्यों में पैठ बढ़ाएगी भाजपा, तमिल भाषी भक्तों का पहला जत्था 22 जनवरी के बाद आएगा अयोध्या

राम दर्शन के जरिए दक्षिणी राज्यों में पैठ बढ़ाएगी भाजपा, तमिल भाषी भक्तों का पहला जत्था 22 जनवरी के बाद आएगा अयोध्या

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लखनऊ, जनवरी 13 (TNA) अयोध्या में इस 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह और उसके बाद 48 दिनों तक चलने वाले आयोजनों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी संगठन चार करोड़ श्रद्धालुओं को रामलला का दर्शन कराने अयोध्या लाएंगे. अयोध्या आने वाले हर श्रद्धालु को रामलला का सुलभ दर्शन कराने के साथ उनके रहने और खाने की निशुल्क व्यवस्था भी भाजपा और उसके सहयोगी संगठन के ही कार्यकर्ता करने.

इसके साथ ही दक्षिण के राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं अयोध्या में रामलला के मंदिर के अलावा अयोध्या के अन्य मंदिरों में भी ले जाया जाएगा और उन्हे वापसी से समय रामलला का प्रसाद, सरयू का जल और राम मंदिर का माडल भी भेट स्वरूप दिया जाएगा. ताकि दक्षिण के राज्यों से आए हर  श्रद्धालु की राम दर्शन यात्रा को यादगार बनाया जा सके.

हजारों तमिल भाषी राम भक्त पहुंचेगे अयोध्या

भाजपा नेताओं का कहना है कि देश के हर लोकसभा क्षेत्र से करीब पांच हजार राम भक्त श्रद्धालुओं को अयोध्या में राम लला का दर्शन कराने के लिए लाए जाने की योजना पार्टी ने तैयार की है. जिसके चलते चार करोड़ श्रद्धालुओं को दो माह के भीतर अयोध्या लाने का लक्ष्य है. इसी क्रम यह तय हुआ है कि बड़ी संख्या में दक्षिण भारत के छह राज्यों से राम भक्त श्रद्धालुओं को अयोध्या में राम लला का दर्शन कराने के लिए लाया जाएगा. इन राम भक्त श्रद्धालुओं के अयोध्या आने-जाने, ठहरने और खाने का पूरा खर्च पार्टी वहन करेगी.

भाजपा नेताओं के अनुसार जल्दी ही पार्टी तमिलनाडु के मदुरई शहर से राम दर्शन यात्रा की शुरुआत आस्था स्पेशल ट्रेन के जरिए करेगी. ऐसी ट्रेनों के जरिए 25 हजार तमिल भाषी राम भक्तों का पहला जत्था 22 जनवरी के बाद अयोध्या पहुंचेगे. इसी तरह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, केरल व पुडुचेरी से भी लाखों श्रद्धालु अयोध्या आएंगे.

इन रामभक्तों के अयोध्या में रहने और खाने आदि के किए जा रहे इंतजाम आदि का निरीक्षण करने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल रविवार को अयोध्या पहुंचेंगे. सुनील बंसल के अयोध्या जाने से अब यह साफ हो गया है कि भाजपा राम दर्शन कार्यक्रम को बेहद ही गंभीरता से ले रही है. इस कार्यक्रम में कहीं कोई कमी ना रहे इसके लिए खुद सुनील बंसल तैयारियों का निरीक्षण करने अयोध्या जा रहे है.

इसलिए दक्षिण के राज्यों पर फोकस

भाजपा नेताओं के अनुसार, उत्तर भारत की अपेक्षा दक्षिण में भाजपा की स्थिति कमजोर है. जबकि इन राज्यों में लोकसभा की 130 सीटें हैं. दक्षिण के राज्यों में सिर्फ कर्नाटक में ही भाजपा मजबूत स्थिति में है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां की 28 में से 25 सीट भाजपा की झोली में आई थी और तेलंगाना की 17 सीटों में सिर्फ चार सीटें हो भाजपा को मिल पाई थीं. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में एक भी सीट भाजपा को नहीं मिली थी.

इन चुनावी आंकड़ों को ध्यान में र्कहते हुए भाजपा ने राम दर्शन कार्यक्रम के जरिए दक्षिण के राज्यों से बड़ी संख्या में राम भक्त श्रद्धालुओं को अयोध्या लाने की योजना तैयार की है. इसी क्रम में दक्षिण भारत के छह राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, केरल और पुडुचेरी में राम भक्त श्रद्धालुओं को ट्रेन के जरिए अयोध्या लाया जाएगा. भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि राम दर्शन योजना का लाभ उसे कर्नाटक व तेलंगाना के साथ इन तीन राज्यों में मिल सकता है.

वह कहते हैं कि इन राज्यों के विभिन्न शहरों में रहने वाले राम भक्त जब अयोध्या आकर रामलला के दर्शन करेंगे और वह अयोध्या की भव्य एवं दिव्य छवि को निहारेंगे तो प्रभु राम के माध्यम से पार्टी इन मतदाताओं के दिलों में अपनी जगह बनाएगी. इस यात्रा को सफल बनाने के लिए पार्टी ने केंद्रीय और राज्य स्तर पर अलग-अलग उच्चस्तरीय समिति बनाई है.

केंद्रीय समिति का नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन बीएल संतोष को सौंपा गया है और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल, तरुण चुग और विनोद तावड़े इनका सहयोग करेंगे. जबकि राज्य स्तर पर गठित समिति के प्रभारी उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक होंगे. दोनों समितियों के सदस्य कुछ दिनों के अंतराल पर नियमित रूप से अयोध्या का दौरा कर तैयारियों की समीक्षा करेंगे. जिसके चलते ही सुनील बंसल अयोध्या जा रहे हैं.

— राजेंद्र कुमार

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