यूपी मुख्य सचिव बनाने के लिए अफसरों में चल रही रेस, पांच आईएएस करा रहे हैं पैरवी !
लखनऊ, दिसंबर 14 (TNA) उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का मिला सेवा विस्तार इसी 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है. ऐसे में अब इस कुर्सी पर तैनाती पाने के लिए यूपी के सरकार के कई अधिकारी सक्रिय हो गए है. कुछ दिल्ली में केंद्र सरकार के सीनियर अफसरों के जरिए अपनी पैरवी करा रहे हैं तो कुछ ने सीएम योगी आदित्यनाथ के जरिए अपना बायोडाटा प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचवाया है. ऐसे में सत्ता के गलियारे में ये चर्चा हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिय अधिकारी दुर्गा शंकर मिश्र को क्या तीसरी बार सेवा विस्तार मिलेगा? या सीएम योगी प्रिय अधिकारी 1988 बैच के मनोज कुमार सिंह यूपी के नए मुख्य सचिव बनाए जाएंगे.
मनोज कुमार सिंह प्रमुख दावेदार
फिलहाल उत्तर प्रदेश में पांच अधिकारी मुख्य सचिव बनाने का मंशा पाले हुए हैं. ये अफसर प्रदेश की सबसे बड़ी प्रशासनिक कुर्सी पर काबिज होने के लिए अपने-अपने संपर्कों के जरिए प्रयास कर रहे हैं. अब अगर दुर्गा शंकर को सेवा विस्तार नहीं मिलता है, तो इस पांच अफसरों में वर्ष 1988 बैच के अफसर मनोज कुमार सिंह को मुख्य सचिव की कुर्सी पर बैठने के लिए सबसे मजबूत दावेदार बताया जा रहा है. अभी मनोज कुमार सिंह के पास कृषि उत्पादन आयुक्त, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त और अपर मुख्य सचिव पंचायती राज जैसे अहम पदों की जिम्मेदारी है.
उन्हे मुख्यमंत्री योगी पसंद करते हैं. यही वजह है की मौजूदा समय में मनोज कुमार को सूबे का सबसे ताकतवर अफसर माना जाता है. उनका रिटायरमेंट जुलाई, 2025 में है और उन्हे सरकार का एस मैन भी तमाम अफसर कहते हैं. इस कारण से यह भी कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनावों में वह सरकार के लिए कोई संकट नहीं खड़ा करेंगे, इसलिए उन पर विश्वास कर उन्हे मुख्यसचिव की कुर्सी पर तैनात किया जा सकता है.
सेवा विस्तार मिला तो बनाएँगे रिकार्ड
मनोज कुमार से सीनियर अफसर हैं 1987 बैच के अरुण सिंघल. अरुण सिंघल केंद्र सरकार में तैनात और वह लखनऊ आना नहीं चाहते. 1987 बैच की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात लीना नंदन का भी ऐसा ही मत है. इस बैच के महेश कुमार गुप्ता और हेमंतराव जरूर मुख्यसचिव बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनका पैरवी परवान नहीं चढ़ सकी है. ऐसे में तमाम नौकरशाह यह कह रहे हैं कि यूपी में मनोज कुमार सिंह के मुख्य सचिव बनाने की संभावना अधिक है क्योंकि हाल ही में मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को तीसरी बार सेवा विस्तार नहीं दिया गया था.
इस आधार पर यह कहा जा रहा है कि यूपी में भी कुछ ऐसा हो सकता है और केंद्र सरकार दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार देने से हाथ खींच सकती है. दुर्गा शंकर मिश्र 1984 बैच के आईएएस हैं और उन्हे वर्ष 2021 तथा 2022 में एक-एक साल का सेवा विस्तार दिया जा चुका है. उनकी देखरेख में ही बीता विधानसभा चुनाव बीते साल हुआ था. अब अगर उन्हे सेवा विस्तार मिलता है तो वह आगामी लोकसभा चुनाव भी कराएंगे. तब उनके नाम एक ना तोड़ा जाने वाला रिकार्ड बनेगा. यह रिकॉर्ड होगा सेवा विस्तार पाये मुख्य सचिव द्वारा एक राज्य में दो वर्ष के भीतर विधानसभा और लोकसभा चुनाव कराने का.
— राजेंद्र कुमार