बिजली कटौती से जूझ रहा उत्तर प्रदेश, ग्रामीण क्षेत्रों में तय रोस्टर से कम हो रही बिजली आपूर्ति !

बिजली कटौती से जूझ रहा उत्तर प्रदेश, ग्रामीण क्षेत्रों में तय रोस्टर से कम हो रही बिजली आपूर्ति !

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लखनऊ, अक्टूबर 12 (TNA) उत्तर प्रदेश के छह पावर प्लांट में बीते एक हफ्ते से बिजली का उत्पादन ठप हैं. परिणाम स्वरूप सूबे के ग्रामीण इलाकों और उद्योगों को बिजली कटौती से जूझना पड़ रहा है. ग्रामीण इलाके में शेड्यूल से पांच घंटे कम बिजली आपूर्ति की जा रही है. राज्य के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा है कि अभी एक हफ्ते तक सूबे के लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा. आगामी 18 अक्टूबर के बाद ही बिजली आपूर्ति व्यवस्था पटरी पर लाई जाए सकेगी और गांव तथा शहरी उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली मिल सकेगी.

अक्टूबर में हुआ यह सबसे बड़ा बिजली संकट

यूपी में बिजली कटौती की वजह वार्षिक मरम्मत के लिए आठ पावर प्लांटों को बंद किया जाना है. यूपी के बारा की 660 मेगावाट, रिहंद की 500 मेगावाट, टांडा की की 660 मेगावाट, रोजा की 300 मेगावाट, सिंगरौली की 500 मेगावाट और हरदुआगंज की 105 मेगावाट की विद्युत उत्पादन इकाई वार्षिक मरम्मत के लिए बंद की गई. इस कारण राज्य में 2725 मेगावाट बिजली उत्पादन कम हो गया.

ऐसे में ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे की जगह 13 घंटे, नगर पंचायतों (तहसील मुख्यालयों) पर 21 के बजाय 18 घंटे और बुंदेलखंड क्षेत्र में 20 के बजाय 16.25 घंटे ही बिजली की आपूर्ति करनी पड़ रही है. बिजली कटौती किए जाने से ग्रामीण इलाके में चलने वाले लघु उद्योग ठप हो गए हैं. कई स्थानों पर लोगों को पानी के संकट का भी सामना करना पड़ रहा है. बुंदेलखंड क्षेत्र में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में जलापूर्ति पूरी तरह से लड़खड़ा गई है. कहा जा रहा है कि बीते कुछ सालों के दौरान अक्टूबर में हुआ यह सबसे बड़ा बिजली संकट है.

इन वजहों से की जा रही बिजली कटौती : ऊर्जा मंत्री

राज्य के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का कहना है कि राज्य में बिजली कटौती करने की मुख्य वजह सूबे के कुछ पावर प्लांट में सिर्फ बिजली उत्पादन ठप होना नहीं है. सूबे में गर्मी बढ़़ने और तीस्ता बेसिन सिक्किम में आई बाढ़ तथा केंद्र से बिजली कम मिलना भी एक कारण है. इन सब वजहों से सूबे में बिजली उपलब्धता और बिजली की खपत में करीब तीन हजार मेगावाट का अंतर आ गया और बिजली की कटौती करनी पड़ रही है. ऊर्जा मंत्री का दावा है कि एक हफ्ते के भीतर बिजली संकट खत्म हो जाएगा. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 18 अक्टूबर तक हर हाल में बिजली व्यवस्था में सुधार किया जाए. और बंद यूनिटों को पूरी क्षमता से चलाकर उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराई जाए.

डिमांड सप्लाई का अंतर :

यूपी में बिजली की डिमांड : 23,500 मेगावाट

सप्लाई हो रही बिजली : 20,500 मेगावाट  

— राजेंद्र कुमार

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