आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में एरा विश्विविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह सम्पन्न
लखनऊ, मार्च 22 (TNA) प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में मंगलवार को एरा विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा का मतलब सिर्फ अवार्ड और मेडल प्राप्त करना नहीं होता है।
विद्यार्थियों में देश सेवा की भावना तथा संवेनशीलता भी होनी चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गयी डिपार्टमेंट ऑफ हैपीनेस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब हम किसी की मदद करते हैं, किसी के जीवन में खुशियाँ लाने का प्रयास करते हैं, जब हमारे द्वारा किये गये कार्यों से कोई संतुष्ट और सुखी होता, वही सही मायने में हमारे लिए हैपीनेस वाला पल होता है।
राज्यपाल ने फूड एण्ड न्यूट्रिशन के साथ पढ़ाई पूरी करने वाली छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि जब हमारी बेटियों को इसके बारे में जानकारी प्राप्त होगी तो वे अपने परिवार को सही दिशा निर्देश दे पायेंगी कि किसको क्या खाना चाहिए जिससे हमारा समाज स्वस्थ और स्वच्छ बनेगा। दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यपाल ने मोटे अनाज के महत्व को बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से इनके लाभकारी होने के कारण आज दुनियाभर में इसकी मांग बढ़ी है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के छात्रावास में कम से कम सप्ताह में दो दिन विद्यार्थियों को मोटे अनाज से बनी खाद्य वस्तुएं देने की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे कि विद्यर्थियों को स्वस्थ रखा जा सके।
उन्होंने कहा कि हॉस्पिटलों में भी मरीजों को मोटे अनाज से बनी वस्तुएं खाने के लिए देनी चाहिए। अपने संबोधन में राज्यपाल जी ने कहा कि विश्वविद्यालय को रूटीन वाली शिक्षा के साथ ही विद्यार्थियों के सामाजिक और नैतिक विकास पर भी बल देना चाहिए।
विद्यार्थियों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है जिससे कि वे खुद को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के लिए तैयार कर सकें। उन्होंने के कहा विश्वविद्यालय को छात्राओं की नियमित जांच करवानी चाहिए, जिससे कि उनको होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाया जा सके।
उन्होंने उच्च शिक्षा में नई राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता को बताते हुए कहा कि इससे देश में रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं के लिए प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण तैयार करने पर जोर दिया गया है।
उन्होंने इस दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने विश्वविद्यालय को अनुसंधान को बढ़ाने का भी सुझाव दिया।