यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन शराबबंदी की पक्षधर
लखनऊ, सितंबर 5 (TNA) यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी शराबबंदी की पक्षधर हैं. मंगलवार को सूबे के बस्ती जिले का दौरा करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शराबबंदी को लेकर अपने विचार जनता के बीच रखे. उन्होने शराबबंदी को लेकर कहा कि शराब पीकर अगर पति अपनी पत्नी को मारता है तो पत्नियां भी लाठी उठाकर अपने पति को मारे. राज्यपाल ने कहा कि दारू पीकर आए पति और मार खाए हमारी महिलाएं.
इसलिए अगर पति दारू पीकर अपनी पत्नी को मारता है तो ऐसे शराबियों के लिए पत्नियां भी लाठी रखें और विरोध में अपने पति को उसी लाठी से जमकर पिटाई करें. महिलाओं को यह सलाह देते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जिले में जहां भी दारू की भट्टी चल रही है. वहा हमारी महिलाएं जाएं और पुलिस के सहयोग से उन भट्टियों को तुड़वाए. अब जरूरत है कि हमारी महिलाएं गांव-गांव शराबबंदी को लेकर आंदोलन चलाएं. उन्होने यह भी कहा की शराबबंदी को लेकर दो अक्टूबर गांधी जयंती को इस अभियान की शुरुआत राजभवन से की जाएगी.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शराब को हजार बुराइयों की जड़ मानती हैं. उनका कहना है नशा परिवार की खुशहाली छीन लेता है. अगर लोग शराब और गुटखा खाना बंद नहीं करेंगे तो समाज का स्वास्थ्य नही बन सकता. राज्यपाल ने गुजरात की संस्था शंकूस कैंसर अस्पताल के उद्घाटन के अवसर पर बस्ती जिले के सोनुपार गांव में ग्रामीणों के बीच अपने यह विचार रखे. इ
आबकारी राजस्व से भरता है यूपी का खजाना
प्रदेश सरकार की राजस्व आय का सबसे बड़े स्रोत आबकारी विभाग है. शराब, बियर और वाइन की बिक्री से ही सूबे के कुल राजस्व का करीब 11 फीसदी राजस्व आता है. यहीं वजह है कि इस वित्तीय वर्ष में योगी सरकार ने 58 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है. बीते वर्ष 2022-23 में आबकारी विभाग ने शराब, बियर और वाइन की बिक्री से 41,252.24 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया था.
जबकि वर्ष 2021-22 में 36,321.12 करोड़ रुपए आबकारी राजस्व के रूप में सरकार के खजाने को प्राप्त हुए थे. यही वजह है कि योगी सरकार शराबबंदी करने के पक्ष में नहीं है. जब बिहार सरकार द्वारा राज्य में शराबबंदी लागू की गई थी, तब यूपी में भी शराबबंदी लागू करने की मांग हुई थी, लेकिन योगी सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई.
— राजेंद्र कुमार