जिन्होंने बस्तियां लूटीं, वही नसीब के मारों की बात करते हैं : सीएम योगी का सपा मुखिया अखिलेश यादव पर वार !
लखनऊ, दिसंबर 2 (TNA) उत्तर प्रदेश की विधानसभा में शुक्रवार को फिर समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक दूसरे के ऊपर शब्दों के तीर चलाये. अब हर विधानसभा सत्र के दौरान दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक होने लगी है. शुक्रवार को भी यही हुआ. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सदन में अनुपूरक बजट लाए जाने को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला. उन्होने कहा कि जब पिछले बजट का ही लगभग 65% पैसा खर्च नहीं हुआ है तो अनुपूरक बजट क्यों चाहिए?
अखिलेश ने योगी सरकार को सरकार विजनलेस सरकार तक बता दिया. अखिलेश के इस कथन पर सीएम योगी ने शायराना अंदाज में नेता विरोधी दल पर हमला बोला. उन्होने कहा कि बड़ा हसीन है उनकी जबान का जादू, लगा के आग बहारों की बात करते हैं, जिन्होंने रात में बेखौफ बस्तियां लूटीं, वही नसीब के मारों की बात करते हैं...
योगी का अखिलेश पर तंज़
अनुपूरक बजट के औचित्य को लेकर जब सदन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह कहा तो विपक्ष में बैठे सदस्यों ने भी सीएम योगी के इस जवाब की सराहना तालियाँ बजाकर की. इस बाद सीएम योगी ने सीधे अखिलेश यादव को अपने निशाने पर लिया और कहा कि मुझे अफसोस हो रहा था कि नेता विरोधी दल लीक से हटकर आजकल बोलने के आदी हो चुके हैं. हालांकि नेता प्रतिपक्ष प्रदेश में वर्ष 2012 से 2017 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं.
ऐसे में, उन्हें सप्लीमेंट्री डिमांड के बारे में थोड़ी और जानकारी कर लेनी चाहिए थी. लेकिन उन्हे अब सिर्फ आरोप लगाने की बीमारी हो गई है, यह बीमारी केवल यहीं पर नहीं है, बिहार में भी यह बीमारी देखने को मिल रही है. इसमें अब विरोधी पक्ष के लोगों को सदन में खूब तैयारी करके आना चाहते हैं क्योंकि अब उन्हे हमेशा विपक्ष में बैठना है.
योगी ने बताई सरकार की उपलब्धियां
सीएम योगी ने यह भी कहा कि वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश अराजकता, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और पहचान के संकट वाला प्रदेश बन चुका था. वहीं, वर्ष 2017 के बाद वाला यूपी डबल इंजन की ताकत से आगे बढ़ रहा है. आज यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदली है, उन्हें सम्मान की दृष्टि से लोग देखते हैं. ये नये भारत का नया यूपी है. दुनिया में जिस तरह भारत के लिए दृष्टिकोण बदला है, वैसे ही देश में यूपी को लेकर लोगों की धारणा बदली है. ये बदला परसेप्शन ही यूपी की सबसे बड़ी पहचान है.
सरकार वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी को लेकर पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है.इससे विरोधी दल के सदस्यों को प्रसन्नता होनी चाहिए, क्योंकि प्रदेश आगे बढ़ेगा तो हर व्यक्ति को उसका लाभ मिलेगा. सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी लगभग 13 लाख करोड़ थी. वहीं, वर्ष 2023-24 में लगभग साढ़े 24 लाख करोड़ की ओर पहुंच रही है. उत्तर प्रदेश की वर्ष 2015-16 में पर कैपिटा इनकम 43 हजार के आसपास थी, वह वर्ष 2022-23 में बढ़कर दोगुने से अधिक लगभग 83 हजार हो चुकी है.
वर्ष 2023-24 के आंकड़े आएंगे तो इसमें और भी वृद्धि होगी.बजट का आकार भी बढ़ा है. यूपी में 2012 और 17 के बीच औसत बजट 2 लाख 70 हजार करोड़ के आस पास था. वहीं, 2022-23 का औसत 5 लाख 23 हजार करोड़ हुआ है. हमारा मूल बजट 6 लाख 90 हजार करोड़ है जबकि 28 हजार करोड़ के अनुपूरक बजट के साथ ये 7 लाख 19 हजार करोड़ का अब तक का सबसे बड़ा बजट है, जिसे सरकार लेकर आई है. सरकार इस बजट के साथ प्रदेश के सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ रही है. जब सरकार अपना बजट लाती है तो इस बात का ध्यान रखती है कि सोर्स ऑफ इनकम है या नहीं. आय और व्यय के संतुलन को ध्यान में रखना होता है. प्रदेश का राजकोषीय प्रबंधन बेहतरीन ढंग से आगे बढ़ रहा है. नेता प्रतिपक्ष को सरकार पर आरोप लगाने के पहले यह सब भी जानना चाहिए.
— राजेंद्र कुमार