राज्यपाल के समक्ष दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर का नैक मूल्यांकन हेतु प्रस्तुतिकरण हुआ
लखनऊ, अगस्त 12 (TNA) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में नैक मूल्यांकन हेतु दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर का प्रस्तुतिकरण देखा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में अपनी श्रेणी के सुधार के लिए कमियों को समय से दूर करें और प्रस्तुतिकरण को पूर्ण विश्वास के साथ विश्वविद्यालय में लागू करें।
राज्यपाल के समक्ष आज दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने अपने दूसरे नैक मूल्यांकन हेतु तैयारियों का प्रस्तुतिकरण दिया। ज्ञात हो कि नैक मूल्यांकन सात श्रेणियों में होता है। विश्वविद्यालय ने 2005 में अपने प्रथम नैक मूल्यांकन में श्रेणी प्राप्त की थी। इसके बाद से विश्वविद्यालय द्वारा अपनी श्रेणी सुधार के लिए निरन्तर प्रयास करते हुए अब राज्यपाल की प्रेरणा से मूल्यांकन की बेहतर तैयारियों के साथ प्रस्तुतिकरण किया गया है।
बैठक में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुलपति प्रो0 राजेश सिंह से कहा कि वे विद्यार्थियों को जानकारी दें कि विश्वविद्यालय की ‘नैक श्रेणी’ में सुधार होने पर केन्द्र सरकार से योजनाओं के लिए अधिक फण्ड तथा छात्रों के लिए सुविधाओं में विस्तार के साथ-साथ उनके प्रमाण-पत्रों में उच्च श्रेणी के विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने का गौरव अंकित हो जाता है।
विश्वविद्यालय के साथ नैक प्रस्तुतिकरण की तैयारियों पर इस बैठक में अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) डा0 पंकज जॉनी, दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो0 राजेश सिंह, विश्वविद्यालय के नैक कोऑर्डिनेटर प्रो0 संदीप कुमार, प्रो0 गौर हरि बेहरा, प्रो0 अजय सिंह तथा अन्य सहयोगी उपस्थित थे।
कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय की नैक श्रेणी के सुधार हेतु कई व्यवहारिक सुझाव दिए। उन्होंने विश्वविद्यालय को अपनी गतिविधियों को अधिकतम आनलाइन करके पारदर्शिता बढ़ाने, पुराने डेटा संकलन को समृद्ध करने, विद्यार्थियों को प्रशासनिक कार्यों से जोड़ने, नवाचार बढ़ाने तथा सीड मनी के उपयोग सम्बन्धी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नैक मूल्यांकन के लिए सभी आवश्यक तैयारियों के साथ डेटा भेजा जाए।
प्रस्तुतिकरण के दौरान कुलाधिपति ने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की सहभागिता बढ़ाने वाले प्रोजेक्ट बनाए। उन्होंने कहा कि कैम्पस के छोटे-छोटे निर्माण कार्यों की योजना, नक्शा तथा निर्माण के आंतरिक कार्यों के नियोजन में अधिकतम सहयोग विद्यार्थियों का लिया जाये। उन्होंने उच्चतम श्रेणी प्राप्त विश्वविद्यालयों की तर्ज पर दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर में भी नवाचार बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने विश्वविद्यालय में शोध विषयों को व्यवहारिक बनाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को ऐसी जगह विजिट पर भेज कर स्टडी कराने की व्यवस्था भी कराई जाये, जिसे विश्वविद्यालय में लागू कराकर स्तर सुधार किया जा सके। प्र्र्र्रस्तुतिकरण के उपरान्त दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर के कुलपति तथा अन्य सदस्यों ने राज्यपाल को विश्वविद्यालय के 39वें दीक्षान्त समारोह का मोमेन्टो, अंगवस्त्र तथा विश्वविद्यालय का पर्यावरण कलेण्डर भी भेंट किया।