विधानसभा में सीएम योगी और अखिलेश फिर एक बार एक दूसरे पर बरसे!

विधानसभा में सीएम योगी और अखिलेश फिर एक बार एक दूसरे पर बरसे!

4 min read

लखनऊ, 11 अगस्त (TNA) उत्तर प्रदेश की विधानसभा में भी शुक्रवार समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच तीखी आरोप और प्रत्यारोप का दौर चला. जिसके चलते अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर किसानों की आय दोगुनी करने, वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी और टमाटर चोरी होने जैसे मुद्दों पर कई सवाल खड़े किए. वही दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर हमलावर होते हुए कहा कि आप तो जन्म से ही चांदी के चम्मच में खाने के आदी हैं. आप दलित-आदिवासियों का दुख नहीं समझते. आप किसानों का दुख नहीं समझ सकते. आपने शिवपाल यादव के साथ न्याय नहीं हुआ. और आपके कार्यकाल में साड़ बूचड़खानों में होते थे. आज ये पशुधन का हिस्सा हैं.

सांड संभाले नहीं पा रहे, 1 ट्रिलियन इकोनॉमी कहां से बनाएंगे? : अखिलेश

उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र का आज आखिरी दिन था. और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सत्र के दौरान योगी सरकार से एक ट्रिलियन इकोनॉमी से लेकर प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी और सांड से मरने वालों की संख्या पर सवाल किए. उन्होंने कांवड़ और ताजिया ले जाते समय जिनकी मौत हुई उन्हें मुआवजा देने की मांग की. उन्होने योगी सरकार पर आरोप लगाए कि सूबे की सरकार ने अभी तक एक भी नई मंडी नहीं बनवाई. सरकार महंगाई पर कभी बात नहीं करती. बढ़ती टमाटरों की कीमत पर बात नहीं करती. अभी तक किसानों को गन्ने का पेमेंट क्यों नहीं किया? योगी सरकार से यह सवाल करते हुए अखिलेश यादव ने योगी सरकार के वर्ष 2027 तक यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के संबंधी विजन पर भी हमला बोला.

उन्होंने कहा कि सरकार से सांड संभाले नहीं जा रहे हैं तो वो 1 ट्रिलियन इकोनामी दावा कैसे कर रही है? जबकि सूबे की सरकार अपनी मर्जी का डीजीपी नहीं बना पा रही है? अखिलेश यादव का यह भी कहना था कि प्रदेश में सांड से मारने वालो की लंबी सूची है. भ्रष्टाचार और बेरोजगारी यूपी की पहचान बन गया है. बिना नौकरी दिए, बिना किसानों की मदद के यूपी कैसे 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी वाला राज्य बन सकता है ? योगी सरकार से यह सवाल करते हुए अखिलेश यादव ने कांवड़ यात्रा और ताजिया ले जाते समय जिन लोगों की जान गई उन्हें एक करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की.

शिवपाल यादव के साथ अन्याय हुआ : सीएम योगी

उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के आखिरी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों का अपने अंदाज में जवाब दिया. दुष्यंत के लिखे इन शब्दों, ‘तुम्हारे पाँव के नीचे जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं.’ का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ ने सदन में अखिलेश यादव आरोपों का जवाब देना शुरू किया. और कहा अखिलेश यादव कहते हैं कि किसानों को सांड से हो रही है. तो वह यह जाना लें कि आप जिस सांड की बात आज सदन में कर रहे हैं वो आपके कार्यकाल में बूचड़खानों में होते थे. आज ये पशुधन का हिस्सा हैं. हमारे लिए साड़ प्रिय है, हम नंदी के रुप में उसे पूजते हैं. वास्तव में आप (अखिलेश) तो जन्म से ही चांदी के चम्मच में खाने के आदी हैं. आप दलित और आदिवासियों का दुख नहीं समझते. आप किसानों का दुख नहीं समझ सकते. अरे आप तो शिवपाल यादव की कीमत नहीं समझ हैं . शिवपाल यादव के साथ अन्याय हुआ है. शिवपाल जी आप उन्हें (अखिलेश) समझाएँ.

इसके बाद सीएम योगी ने अखिलेश यादव द्वारा गोरखपुर में बाढ़ को लेकर उठाए गए सवाल का जवाब दिया. उन्होने कहा अखिलेश यादव को बाढ़ के नाम पर गोरखपुर का जलभराव दिखा. वास्तव में ये (अखिलेश ) गरीब, किसान का दर्द नहीं समझेंगे. पिछडों, अति पिछड़ों के साथ इन्होंने क्या व्यवहार किया यह पूरा प्रदेश जानता है. चौधरी चरण सिंह की बातों को अगर समाजवादी पार्टी ने जरा सा भी ध्यान दिया होता इनके शासन काल मे सर्वाधिक किसान आत्महत्या न करते.

विपक्ष के एजेंडे में विकास था नहीं : योगी

सदन में करीब दो घंटे से अधिक समय तक बोलने के दौरान सीएम योगी ने कहा कि ये डबल इंजन की ताकत का परिणाम है कि हमें प्रतिव्यक्ति आय दोगुनी करने में सफलता हासिल हुई है. मैं कहना चाहता हूं कि विपक्ष के एजेंडे में विकास था नहीं. इनके विकास का मतलब तो अपने विकास से था. आज पूरी दुनिया उत्तर प्रदेश की ओर आ रही है, लोग यहां निवेश करना चाहते हैं. हमारी सरकार ने ना सिर्फ समर्थन मूल्य को बढ़ाया बल्कि इसके साथ ही इस बात की सुविधा का भी विकल्प उपलब्ध रखा कि अगर किसान चाहे और अगर उसे बाजार में अपनी फसल का अच्छा मूल्य मिल रहा हो तो वो बाजार में भी उसे बेच सकता है.

किसान के हित को सर्वोपरि रखते हुए सरकार ने कई कदम उठाए. मोदी जी के प्रधानमंत्री बनते ही फसल बीमा योजना लागू की गई. करीब 50 लाख किसानों को इसका फायदा हुआ. मुख्यमंत्री ने कहा किसी भी किसान के परिवार का सदस्य अगर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आता है तो उसे मुआवजे का प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री राहत कोष से 12 से 17 के बीच 552 करोड़ रुपये खर्च हुए और 2017 के बाद से अब तक 2325 करोड़ रुपये खर्च किए गए.

— राजेंद्र कुमार

logo
The News Agency
www.thenewsagency.in