The Fauji Corner
छोड़ दिया
तुम ने क्यों ख़्वाबों में आना छोड़ दिया
रातों को हम राज़ बनाना छोड़ दिया
मैंने तो यादों को बख़्शी सच्चाई
तुम ने लेकिन फूल खिलाना छोड़ दिया
हम तन्हा हे भटके दश्तो सहरा में
तुम ने जब से साथ निभाना छोड़ दिया
मंज़िल से राहों का कोई रिश्ता क्या
हम ने घर से आना जाना छोड़ दिया
घर की दीवारें भी चुप सी रहती हैं
मौसम ने सब याद दिलाना छोड़ दिया
वो साये जो जिस्म तिरा बन जाते हैं
अब उनको नज़दीक बिठाना छोड़ दिया
कहने को तो "ऊषा " मैं भी ज़िंदा हूँ
मैंने ये खुदगर्ज़ ज़माना छोड़ दिया
-- Usha Bhadauria