The Fauji Corner
हो गईं धीरे धीरे जवां ख्वाहिशें...
हो गईं धीरे धीरे जवां ख्वाहिशें
बात करने लगी बेजवां ख्वाहिशें
एक छोटी सी चादर में शब काट दी
हो गई किस कदर मेहरवां ख्वाहिशें
मैं ज़मीं पर खड़ी की खड़ी रह गई
आज छूने लगी आसमां ख्वाहिशें
मेरे घर में तो मेरे सिवा कुछ
नहीं
हो न जाएं कहीं रायगाँ ख्वाहिशें
कौन मुठ्ठी में बाँधेगा उन्हें
बहते दरिया की सूरत रवाँ ख्वाहिशें
देख कर रोजो शब दिल मचलता नहीं
छोड़कर हो गई गुम कहाँ ख्वाहिशें
और तो दिल को कुछ याद रहता नहीं
कैसे ऊषा करूँगी बयाँ ख्वाहिशें
-- ऊषा भदोरिया