आज है Parents Day: स्वर्ग का रास्ता है माता-पिता का सम्मान, जाने कैसे!
साल 1994 में आधिकारिक रूप से पेरेंट्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका में हुई|इस साल पहली बार जुलाई महीने के चौथे रविवार को अमेरिका में पेरेंट्स डे मनाया गया| इसके बाद से हर साल भारत और अमेरिका में जुलाई के चौथे रविवार को पेरेंट्स डे मनाया जाता है तो वहीं, वियतनाम में 7 जुलाई को मनाया जाता है| ऐसे ही फिलीपींस में दिसंबर महीने के पहले सोमवार को पेरेंट्स डे मनाया जाता है, लेकिन कई देशों में इसे जून के महीने में मनाया जाता है|
राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने एक कांग्रेस के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए "अपने बच्चों को लाने में माता-पिता की भूमिका को पहचानना, उत्थान करना और उनका समर्थन करना।अब इसकी महत्ता समझते हुए अनेक स्कूलों द्वारा पेरेंट्स डे भी मनाया जाता है|
भारत की वेद पुराणों में अभिभावकों की महिमा का बहुत अच्छे से वर्णन किया गया है| यहां तक लिखा गया है कि भगवान गणेश जी ने अपनी मां बाप की परिक्रमा देकर सिद्ध कर दिया था इसीलिए आज के दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य माता-पिता के प्रति आभार और सम्मान प्रकट करना है|
इस दिन बच्चे अपने माता-पिता को गिफ्ट देकर उनको खुश करते हैं|आज के दिन बच्चे अपने-अपने तरीके से माता-पिता को खुश करने का प्रयास करते हैं, लेकिन भारत में अभिभावकों के पैर छू के उनको आलिंगन करके उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करके मनाया जाता है |जिस प्रकार से श्रवण कुमार ने अपने अंधे माँ व बाप को कंधे पर तीर्थ कराया था |
कोविड-19 की महामारी पहली और दूसरी लहर में तमाम बच्चों से मां बाप का साया छिन गया है| किसी दार्शनिक ने सही कहा है मां के बिना बाप के लिए अब आपके बिना मां के लिए बिल्कुल हिमालय पर चढ़ाई दे चढ़ने जैसा कठिन होता है |कहते हैं वही बच्चा पेरेंट्स यानी मां और बाप के प्यार का विश्वास का साथ का संरक्षण का जान सकता है| जिसके पास मां और बाप में से एक चीज नहीं है लाख दोनों यतन कर ले ,परिश्रम कर ले, लाड कर ले पर वह बात नहीं आती है|
इसीलिए कहते हैं ना जाने कोई पीर पराई |आज कोविड-19 की तमाम बच्चों को सरकार अनुदान दे देगी सामाजिक संस्थाएं कुछ मदद कर देगी पर वह मां बाप का प्यार संरक्षण संस्कार उन सब से वे निश्चित तौर पर उनकी कमी पूरी नही की जा सकेग़ी |
- राजीव गुप्ता/आगरा